कोलकाता हादसाः अपनों को तलाशती रहीं नम आंखें
कोलकाता में फ्लाइअोवर ब्रिज गिरने के बाद चारों ओर हाहाकार मच गया। लोग इधर-उधर भागते रहे। खून से लथपथ लाशें और बदहवास व रोते बिलखते परिजनों को अपनों की तलाश जारी है।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Fri, 01 Apr 2016 09:57 AM (IST)
कोलकाता[हृदय नारायण सिंह]। गुरुवार की दोपहर करीब 12.30 बज रहे थे। चारों ओर हाहाकार, इधर-उधर भागते लोग, खून से लथपथ लाशें और बदहवास व रोते बिलखते परिजन। यह दिल दहला देने वाला नजारा कोलकाता का दिल कहे जाने वाले बड़ाबाजार में दिखा। यहां के पोस्ता-गिरीश पार्क स्थित विवेकानंद रोड पर बन रहे निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक बड़ा हिस्सा इस दिन अति व्यस्त समय में ही भरभरा कर गिर गया। पूरा इलाके धूल के गुब्बार में ढंक गया।
पढ़ेंः पुल बनाने वाली कंपनी का बयान, भगवान की मर्जी से हुअा कोलकाता हादसा फ्लाईओवर के मलबे के नीचे दबे लोगों की चीखें दिल दहला रही थीं। घर में मौजूद लोग घर में ही दुबक गये। हादसे को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इन सबके बीच अपनों की खोजखबर लेने पहुंचे बदहवास परिजन। दिगंबर जैन स्कूल में बढ़ने वाली शोभा चंद्रा भी इनमें से एक थी। स्कूल निकलने के बाद वह रास्ते में ही फंस गई। उसके परिजन उसके साथ किसी प्रकार का संपर्क नहीं कर पा रहे थे। गिरीश पार्क पेट्रोल पंप के पास उसके परिजन उसके इंतजार में रोते बिलखते रहे। काफी देर बाद जब शोभा ने अपने परिजनों से संपर्क साधा तो उसकी जान में जान आई। पढ़ेंः कोलकाता हादसे में अब तक 23 की मौत, पीएम ने दिया मदद का अाश्वासन
दूसरी ओर पूरन चौधरी भी अपने रिश्तेदार की तलाश में रोते बिलखते दिखे। वहीं डॉक्टर दिखाने बागुईआटी से गणेश टॉकिज पहुंची आशा जोसी दुर्घटना की शिकार होकर मौत के आगोश में समा गई। उनकी तलाश में पहुंचे उनके दामाद को जब इसकी सूचना मिली तो वह वहीं अचेत हो गये। घटनास्थल के इर्द गिर्द भटकते समय उन्हें पुलिस की सख्ती का भी सामना करना पड़ा। ऐसे दर्जनों लोग दिखे जो अपनों की तलाश में नम आंखें लिए मौका ए वारदात पर नजर आए।