कोलकाता हादसा : सेना का बयान, पूरे इलाके से मलबा हटाया गया
श्रेय लेने के चक्कर में सात सालों से निमार्णाधीन फ्लाईओवर का एक बड़ा हिस्सा गुरुवार को धाराशायी हो गया।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Fri, 01 Apr 2016 01:50 PM (IST)
कोलकाता। श्रेय लेने के चक्कर में सात सालों से निमार्णाधीन फ्लाईओवर का एक बड़ा हिस्सा गुरुवार को धाराशायी हो गया। शहर के सबसे बड़े होलसेल मार्केट बड़ाबाजार इलाके में हुए इस हादसे में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई। 60 से ज्यादा लोग घायल हैं।
मलबे में अब कोई नहीं दबा है कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मलबे में अब कोई नहीं दबा है। सेना के अधिकारी, एनडीआरएफ की टीम अौर अाम नागरिकों ने फ्लाईअोवर ढहने के बाद बचाव कार्य में जुट गए थे। कल से चल रहा ऑपरेशन में मलबे को हटाने के अलावा यातायात को सामन्य करने का प्रयास किया गया, जो सफल रहा। अाज सुबह से मलबे के नीचे किसी का शव नहीं पाया गया। सेना ने पूरे इलाके से मलबे को हटा दिया है। अधिकारी के मुताबिक स्थानीय प्रशासन को अगर सेना को और जरुरत पड़ती है तो हम तैयार हैं।सीएम ने कहा जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा
घटना के बाद मौके पर पहुंची सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि हादसे के लिए ज़िम्मेदार लोगों को बख़्शा नहीं जाएगा। ममता बनर्जी ने हादसे के लिए राज्य की पूर्व वामपंथी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वामपंथी सरकार ने 2009 में ये टेंडर पास किया था।
इसके अलावा सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। ये हेल्पलाइन नंबर हैं- 1070, 033-2214-3526, 033-2253-5185, 033-2214-5664। पश्चिम बंगाल सरकार ने हादसे में मरने वाले लोगों के परिवारों के लिए पांच लाख, घायलों के लिए तीन लाख और हल्की चोट लगने वाले लोगों को एक लाख रुपए के मुआवज़े की घोषणा की है। उधर मामले की जांच के लिए कोलकाता पुलिस की 5 सदस्यीय टीम जांच के लिए हैदराबाद पहुंच गई है और वहां पर आईवीआरसीएल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ जारी है।
इसके अलावा सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। ये हेल्पलाइन नंबर हैं- 1070, 033-2214-3526, 033-2253-5185, 033-2214-5664। पश्चिम बंगाल सरकार ने हादसे में मरने वाले लोगों के परिवारों के लिए पांच लाख, घायलों के लिए तीन लाख और हल्की चोट लगने वाले लोगों को एक लाख रुपए के मुआवज़े की घोषणा की है। उधर मामले की जांच के लिए कोलकाता पुलिस की 5 सदस्यीय टीम जांच के लिए हैदराबाद पहुंच गई है और वहां पर आईवीआरसीएल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ जारी है।
सेना और एनडीआरएफ की मौजूदगी में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। विधान सभा चुनाव का सामना करने जा रही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए यह हादसा मुश्किल का सबब बन सकता है। सरकार ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। पढ़ेंः पुल बनाने वाली कंपनी का बयान, भगवान की मर्जी से हुआ कोलकाता हादसा शुक्रवार को सुबह एनडीआरएफ डीआइजी, एस एस गुलेरिया ने बताया कि कोलकाता में फ्लाई ओवर गिरने के मामले में अबतक 24 लोगों की मौत हो गई है। अब हम सिर्फ शवों को निकालने और मलबे को हटाने के लिए ऑपरेशन चला रहे हैं। बचाव अभियान आखिरी फेज में है, अभी तक हमें आठ शव मिले हैं। गौरतलब है कि गुरुवार दोपहर करीब 12.30 बजे गणेश टाकीज के निकट काली कृष्ण टैगोर स्ट्रीट-रवीन्द्र सरणी क्रासिंग के पास जब फ्लाईओवर का सौ मीटर से ज्यादा लंबा और करीब 30 फीट चौड़ा हिस्सा गिरा, वहां काफी भीड़भाड़ थी। सीसीटीवी फुटेज में पैदल, कार, आटोरिक्शा सवार, ठेलेवाले फ्लाईओवर के नीचे थे दबते देखे गए हैं। कुछ तो ऐसे भी थे जो भागते-भागते मलबे की चपेट में आ गए। मौके पर खून से लथपथ लोग इधर-उधर पड़े मिले। कुछ लोग कंकरीट और भारी गार्डर के नीचे दबे दिखे। बुधवार रात पुल के गार्डर पर कांक्रीट भरा गया था। आशंका जताई गई है कि पिलर वजन नहीं झेल सके और धराशायी हो गए। पढ़ेंः ममता के सियासी पुल को भी झटकासेना और एनडीआरएफ ने दिया पूरे ऑपरेशन को अंजाम राहत और बचाव कार्य में सेना के 300 जवान, एनडीआरएफ, राज्य आपदा प्रबंधन दल, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम आधुनिक उपकरणों के साथ जुटी थीं। लोहे के गार्डरों को काटने और उठाने में बड़ी क्रेनों और कटर की मदद ली गई। ऐसे हादसों में राहत और बचाव कार्य के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित सैन्य कर्मियों तैनात किया गया है। सेना के बंगाल एरिया के सैन्य कमांडर ले.जनरल राजीव तिवारी की देखरेख में राहत कार्य को अंजाम दे रही है। गृह मंत्रालय के मुताबिक एनडीआरएफ की सात टीमें (करीब 315 कर्मचारी) मौके पर मौजूद हैं।नौ बार बढ़ाई गई है समय सीमा गिरीश पार्क को हावड़ा से जोड़ने के लिए 2.2 किमी लंबे विवेकानंद फ्लाई ओवर का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था और डेढ़ साल में बन जाना था। लेकिन सात साल में भी पूरा नहीं हुआ। इसपर शुरुआती प्रस्तावित लागत 164 करोड़ रुपये थी। नौ बार समय सीमा बढ़ाई जा चुकी थी। ममता सरकार इसे चुनाव के पूर्व चालू कर श्रेय लेना चाहती थी। लेकिन वह भी इसे समय पर पूरा करने में विफल रही। देखेंः कोलकाता में निर्माणाधीन पुल गिरा, कई लोगों की मौत निर्माण कंपनी ने बताया "प्रभु की लीला" फ्लाईओवर हादसे के लिए किसी कमी-खामी को जिम्मेदार मानने के बजाय निर्माण कंपनी आइवीआरसीएल ने विवादास्पद बयान दे दिया है। हादसे को प्रभु की लीला करार दिया है। कंपनी के अधिकारी केपी राव ने कहा है-"यह हादसा नहीं, प्रभु की लीला है।" राव ने कहा कि वे लोग इस हादसे से खुद भी आश्चर्य में हैं। राव ने मेटेरियल में कमी से साफ इन्कार कर दिया।आरोप-प्रत्यारोप का दौर हादसे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। मौके पर पहुुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि फ्लाईओवर के निर्माण का टेंडर वाम मोर्चे की सरकार में 2009 में फाइनल हुआ था। निर्माण कार्य हैदराबाद की कंपनी आइवीआरसीएल को सौंपा गया था। कई बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी कंपनी ने सरकार को निर्माण परियोजना का विवरण नहीं उपलब्ध कराया। पश्चिमी मेदिनीपुर के चुनावी दौरे को बीच में छोड़कर मौके पर पहुंची ममता बनर्जी ने कहा-"निर्माण कंपनी के अधिकारियों और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।" केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, राज्य सरकार को चाहिए कि वह खुद सीबीआइ जांच की सिफारिश कर दे। वजह यह कि मामला सीधे-सीधे भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर चौधरी ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।मोदी ने ली हादसे की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ्लाईओवर हादसे और राहत व बचाव के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। बकौल राजनाथ सिंह गृह मंत्रालय राहत और बचाव कार्य पर करीबी नजर रखे हुए है। पढ़ेंः डिजाइन व निविदा में गड़बड़ी के चलते गिरा फ्लाईओवर : विशेषज्ञ