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ललित मोदी मामले पर राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी कांग्रेस

ललित मोदी मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस का विरोध जारी है।

By Sachin BajpaiEdited By: Updated: Thu, 18 Jun 2015 08:52 PM (IST)
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नई दिल्ली । ललित मोदी मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस का विरोध जारी है। वसुंधरा के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस पार्टी की राजस्थान इकाई ने राज्य में विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली में पार्टी ने इस पूरे मामले को आपराधिक गठजोड़ बताते हुए दोनों के इस्तीफे की मांग की। इस बीच, विपक्ष के साथ न आने व मामले को लेकर सरकार के रवैये के चलते पार्टी का विरोध कुछ मंद पड़ता दिखने लगा है।

इस मामले में बृहस्पतिवार को पार्टी का पक्ष रखते हुए कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी ने कहा कि चुनाव से पहले 'ना खाऊंगा, न खाने दूंगा' का नारा देने वाले प्रधानमंत्री इस मामले पर चुप क्यों हैं? क्या उनका नया नारा 'ना खाऊंगा न खाने दूंगा जो खा चुके हैं उन्हें बचा लूंगा' हो गया है?

विपक्ष में नहीं मिल रहा साथ

पूर्ति मामले में जिस तरह से गडकरी को लेकर विपक्ष एकजुट हुआ हुआ था, इस मामले में कांग्रेस को वैसी सफलता नहीं मिल रही। समाजवादी पार्टी पहले ही इस मामले को मानवीय आधार की मदद बता कर इस्तीफे की जिद को अव्यवहारिक बता चुकी है। जबकि, तृणमूल नेता कांग्रेस की कोशिशों के बावजूद मामले को लेकर संयम बरत रहे हैं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद सुषमा के बचाव के बाद अब वसुंधरा के बचाव में उतर आए हैं। लालू ने वसुंधरा का बचाव करते हुए कहा कि अगर उनसे कोई गलती हो गई है तो क्या उन्हें फांसी पर लटका दें?' इसी तरह राकांपा भी इस मामले को लेकर उत्साहित नहीं है। इस मामले में राजीव शुक्ला व शशि थरूर का जिक्र आना भी कांग्रेस के आक्रमण को कुंद कर रहा है। जाहिर है कि अकेले कांग्रेस के लिए लड़ाई को लंबा ले जाना मुश्किल होगा।

विरोध राजनीति के लिए

इस बीच कांग्रेस ने संकेत दिए है कि वह इस मामले को राजनीतिक लड़ाई तक सीमित रखेगी। अब तक इस मामले को लेकर कानून की आपराधिक धाराएं गिना रही कांग्रेस ने इस लड़ाई को कोर्ट में ले जाने से इंकार किया है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव तक मुद्दे को जिंदा रखना चाह रही है।

क्रिकेट और राजनीति के बीच नहीं बोलेगी

इसी तरह इस मामले के क्रिकेट से जुड़े पक्ष को लेकर भी कांग्रेस ने खामोशी बरतने की संकेत दिए हैं। क्रिकेट से जुड़े पद पर भी रहे पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, राजनीति और क्रिकेट दोनों अलग-अलग विषय है। क्रिकेट की दुनिया और वहां के संबंधों को राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। यह विदेश मंत्रालय की अक्षमता और राजस्थान की मुख्यमंत्री के मनी लांड्रिंग में संलिप्तता से जुड़ा मामला है। इसे इसी रूप में देखना चाहिए। गौरतलब है कि ललित मोदी ने पार्टी के दो नेताओं शशि थरूर और राजीव शुक्ला पर मदद करने की बात कही है। इन दोनो नेताओं के होटल में ठहरने के बिलों का भुगतान भी ललित के द्वारा किए जाने का मामला सामने आया है।

आरएसएस की खामोशी बनी हथियार

इस मामले को लेकर काफी आगे निकल गई कांग्रेस को लगता है कि सुषमा न सही वसुंधरा को लेकर उसका दबाव काम आ सकता है। पार्टी के नेताओं को लगता है कि वसुंधरा को लेकर आरएसएस की खामोशी संकेत है कि वहां कुछ बदलाव हो सकता है। जाहिर है कि कांग्रेस ऐसी किसी स्थिति को अपनी जीत में बदलना चाहेगी।

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