भूमि अधिग्रहण बिल पास करा राहुल खुश
नई दिल्ली। लोकसभा ने गुरुवार को बहु प्रतीक्षित भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास विधेयक पर अपनी मुहर लगा दी। इस बिल के पास होने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने खुशी जताई है। वहीं केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बिल को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इससे किसानों को फायदा होगा। इस विधेयक के जरिए फैक्ट्रियों या भवन निर्माण के लिए भूमि
By Edited By: Updated: Fri, 30 Aug 2013 02:17 AM (IST)
नई दिल्ली। लोकसभा ने गुरुवार को बहु प्रतीक्षित भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास विधेयक पर अपनी मुहर लगा दी। इस बिल के पास होने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने खुशी जताई है। वहीं केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बिल को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इससे किसानों को फायदा होगा।
इस विधेयक के जरिए फैक्ट्रियों या भवन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले लोगों को उचित मुआवजा मुहैया कराने, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और विस्थापित होने वालों को पुनर्वास का आश्वासन दिया गया है। लोकसभा में विधेयक पर हुए मतदान के दौरान उपस्थित 235 सदस्यों में से 216 सदस्यों ने पक्ष में और 19 ने इसके विरोध में मतदान किया। कांग्रेस ने इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया वहीं अधिकांश दलों ने इसका समर्थन तो किया, लेकिन उर्वर भूमि का औद्योगिक विकास के लिए अधिग्रहण नहीं करने का तर्क रखा। पार्टियों ने इसकी जगह बेकार या बंजर जमीन का इस्तेमाल करने की सलाह दी। किसने क्या कहा:---
---केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बिल को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इससे किसानों को फायदा होगा। ---कांग्रेस की सदस्य मीनाक्षी नटराजन ने कहा कि यह ऐतिहासिक कदम है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में यह पादर्शिता लाएगा और मुआवजा एवं पुनर्वास अधिकार बन जाएगा।
---ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि इस विधेयक को हमने मध्यम मार्ग के रूप में पाया है। समूह अलग-अलग चीजों की मांग कर रहे हैं। यह कहना गलत है कि मैंने उनसे विमर्श नहीं किया। रमेश ने कहा कि औद्योगिक घरानों, राजनीतिक दलों और नागरिक संगठनों से भी विमर्श किया गया। ---भाजपा के राजनाथ सिंह ने कहा कि हम महसूस करते हैं कि यदि किसान कृषि भूमि का अधिग्रहण करने के लिए तैयार नहीं हों तो यह किसी भी सूरत में नहीं किया जाए। सिंचित और उर्वर भूमि का अधिग्रहण किसी भी परिस्थिति में नहीं किया जाए। इसकी जगह बेकार या ऊसर जमीन को इस्तेमाल में लाया जाए। ---समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उर्वर भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाए। इसकी जगह उद्योग लगाने के लिए बेकार जमीन का इस्तेमाल किया जाए। ---विधेयक को किसान विरोधी करार देते हुए बहुजन समाज पार्टी के सदस्य एस. एस. नागर ने कहा कि भूमि के उपयोग में बदलाव एक विवादित बिंदु है। ---तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि पहले नंदीग्राम और सिंगूर के किसानों पर क्रूर कानून का प्रयोग किया गया और ममता बनर्जी के नेतृत्व में किस तरह उन्होंने लड़ाई लड़ी यह इतिहास है। इस दलील का वामपंथी पार्टियों के सदस्यों ने विरोध किया। ---माकपा नेता बासुदेव आचार्य ने कहा कि जब विधेयक लागू होगा तब यह क्रूर कानून हो जाएगा। तृणमूल के आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि सिंगुर और नंदीग्राम में बलपूर्वक अधिग्रहण नहीं किया गया था। नंदीग्राम में एक इंच धरती अधिगृहीत नहीं की गई। भूमि अधिग्रहण कानून से तीन गुना बढ़ेगी लागत नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भूमि अधिग्रहण कानून के लागू होने से उद्योग जगत के लिए जमीन लेना मुश्किल हो जाएगा। इसके प्रावधानों पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इंडिया इंक ने कहा है कि इससे लागत में तीन से साढ़े तीन गुना तक की बढ़ोतरी होगी। इसका असर न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा बल्कि रोजगार के नए मौके भी कम पैदा होंगे। भूमि अधिग्रहण बिल गुरुवार को लोकसभा से पास हो गया। उद्योग चैंबर सीआइआइ के प्रेसीडेंट एस गोपालकृष्णन ने कहा है कि इंडिया इंक हमेशा से इस बात पर जोर देता रहा है कि मैन्यूफैक्चरिंग और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को आसान बनाया जाए। ऐसे समय जब देश में बड़े प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं और ग्लोबल स्तर पर भारत प्रतिस्पर्धा कर रहा है, लंबी अवधि के विकास दर और निवेशकों का भरोसा बहाल करने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी था। मगर बिल के प्रावधानों से प्रोजेक्टों की लागत में काफी इजाफा होगा। इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने ऐसी ही प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि भयानक सुस्ती से जूझ रहे उद्योग जगत के लिए यह झटके के समान है। इससे औद्योगिक परियोजनओं और रीयल एस्टेट क्षेत्र में दाम आसमान पर पहुंच जाएंगे।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर