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राजस्थान सरकार ने जब्त की वाड्रा को बेची जमीन

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के खिलाफ राजस्थान सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रदेश की वसुंधरा राजे सरकार ने वाड्रा की कंपनी द्वारा फर्जी तरीके से खरीदी गई 360 हेक्टेयर (889 एकड़)] जमीन जब्त कर ली है।

By Sachin kEdited By: Updated: Sun, 04 Jan 2015 09:16 AM (IST)
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जयपुर, ब्यूरो। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के खिलाफ राजस्थान सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रदेश की वसुंधरा राजे सरकार ने वाड्रा की कंपनी द्वारा फर्जी तरीके से खरीदी गई 360 हेक्टेयर (889 एकड़)] जमीन जब्त कर ली है। बीकानेर जिले के कोलायत स्थित इस जमीन का नामांतरण निरस्त कर दिया गया है। यह जमीन वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी ने 2010 में खरीदी थी। प्रदेश के जोधपुर व जैसलमेर जिले में भी वाड्रा की जमीनों पर जांच शुरू हो गई है।

सरकार के आदेश के बाद कोलायत के उपखंड अधिकारी ने क्षेत्र के गजनेर, गोयलरी, मढ़गांव की 360 हेक्टेयर जमीन का नामांतरण निरस्त कर दिया। तहसीलदार गजेंद्र सिंह के मुताबिक, आदेश के बाद जमीन को सरकारी खाते में दर्ज कर कब्जा ले लिया गया है। जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने बताया कि मामले की पूरी जांच के बाद सरकार ने यह फैसला किया है।

बीकानेर के सांसद अर्जुनराम मेधववाल ने कहा कि जिला प्रशासन ने जो फर्जी नामांतरण रद किए हैं, उनमें वह जमीन भी है, जो वाड्रा की कंपनी ने खरीदी थी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अब ये जमीनें वाड्रा की कंपनी के पास ही हों, यह जरूरी नहीं है।

जोधपुर व जैसलमेर में भी वाड्रा की जमीन जोधपुर व जैसलमेर जिले में भी रॉबर्ट वाड्रा की जमीनें होने की जानकारी सामने आई है। इसके बाद राजस्व विभाग के अधिकारी इन जमीनों के सौदे की जांच में जुट गए हैं। जोधपुर प्रशासन ने वाड्रा की कंपनी के दो अधिकारियों को नोटिस देकर तलब किया है।

कैसे किया गोलमाल

सूत्रों के अनुसार, वाड्रा की कंपनी ने जमीन फर्जी दस्तावेजों से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के विस्थापितों के नाम से आवंटित कराई और बाद में खुद खरीद ली।

बीकानेर में 2006-07 में 16 किसानों के नाम से जमीनें आवंटित कराई गई। 2010 में इन्हीं में से कुछ जमीन वाड्रा की कंपनी सहित कुछ अन्य लोगों ने खरीदी।

किसानों के नाम से जमीन का आवंटन कराने में कांग्रेस की तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार का सहयोग रहा और परिवहन मंत्री व राजस्व मंत्री ने कंपनी की भरपूर मदद की।

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