गोवा के नए मुख्यमंत्री बने पारसेकर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुराने कार्यकर्ता और राज्य में भाजपा की जड़ें जमाने में मददगार रहे लक्ष्मीकांत पारसेकर ने शनिवार को गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा को प्रतिस्पर्धा में पछाड़ कर मनोहर पार्रिकर का स्थान लिया। केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री बनने
By vivek pandeyEdited By: Updated: Sun, 09 Nov 2014 12:39 AM (IST)
पणजी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुराने कार्यकर्ता और राज्य में भाजपा की जड़ें जमाने में मददगार रहे लक्ष्मीकांत पारसेकर ने शनिवार को गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा को प्रतिस्पर्धा में पछाड़ कर मनोहर पार्रिकर का स्थान लिया। केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री बनने जा रहे पार्रिकर ने इससे पहले सुबह फैक्स से राज्यपाल मृदुला सिन्हा को अपना इस्तीफा भेज दिया।
पार्रिकर सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे 58 वर्षीय पारसेकर को प्रदेश की राज्यपाल सिन्हा ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में नौ और मंत्रियों के साथ पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें से सात भाजपा से जबकि दो सहयोगी दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के हैं। पारसेकर मानड्रेम विधानसभा सीट से विधायक हैं। पहले पार्रिकर मंत्रिमंडल में शामिल रहे सभी मंत्रियों को पारसेकर मंत्रिमंडल में भी मंत्री बनाया गया है। ये हैं फ्रांसिस डिसूजा, दयानंद मांड्रेकर, रमेश तावडेकर, महादेव नाइक, दिलीप पुरुलेकर, मिलिंद नाइक, एलिना साल्दान्हा (सभी भाजपा) और रामकृष्ण उर्फ सुदिन धवलीकर व दीपक धवलीकर (दोनों एमजीपी) से।
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्रिकर भी शामिल हुए। विधायक दल कां नेता चुने जाने के बाद पारसेकर ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि सर्वसम्मति से चुना गया। संघ और भाजपा दोनों के समर्थन वाले पारसेकर ने डिसूजा की चुनौती खत्म कर दी। डिसूजा पार्रिकर सरकार में भी वरिष्ठतम मंत्री थे और भाजपा के ईसाई चेहरा हैं। अपनी वरिष्ठता का हवाला देते हुए उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोका था। भाजपा नेतृत्व ने उन्हें शांत करा दिया। डिसूजा ने इस बारे में पूछने पर कहा, "कल मुख्यमंत्री का मनोनयन हो रहा था। आज उन्हें 21 विधायकों ने चुना है. मैं चुनाव की प्रक्रिया से परेशान नहीं हो सकता। जब चुनाव हुआ और अधिकांश विधायकों ने उन्हें वोट दिया तो मैं परेशान कैसे हो सकता हूं।" गौरतलब है कि डिसूजा ने कहा था कि यदि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो वह नई सरकार में शामिल नहीं होंगे। हालांकि शनिवार की शाम शपथ ग्रहण करने वालों में वह भी हैं। पद पर दावे के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, "मेरे साथ संख्या बल नहीं था। यह पार्टी का निर्णय है कि वह उपमुख्यमंत्री पद पर बने रहें। वह इसका पालन करेंगे।"
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्रिकर भी शामिल हुए। विधायक दल कां नेता चुने जाने के बाद पारसेकर ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि सर्वसम्मति से चुना गया। संघ और भाजपा दोनों के समर्थन वाले पारसेकर ने डिसूजा की चुनौती खत्म कर दी। डिसूजा पार्रिकर सरकार में भी वरिष्ठतम मंत्री थे और भाजपा के ईसाई चेहरा हैं। अपनी वरिष्ठता का हवाला देते हुए उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोका था। भाजपा नेतृत्व ने उन्हें शांत करा दिया। डिसूजा ने इस बारे में पूछने पर कहा, "कल मुख्यमंत्री का मनोनयन हो रहा था। आज उन्हें 21 विधायकों ने चुना है. मैं चुनाव की प्रक्रिया से परेशान नहीं हो सकता। जब चुनाव हुआ और अधिकांश विधायकों ने उन्हें वोट दिया तो मैं परेशान कैसे हो सकता हूं।" गौरतलब है कि डिसूजा ने कहा था कि यदि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो वह नई सरकार में शामिल नहीं होंगे। हालांकि शनिवार की शाम शपथ ग्रहण करने वालों में वह भी हैं। पद पर दावे के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, "मेरे साथ संख्या बल नहीं था। यह पार्टी का निर्णय है कि वह उपमुख्यमंत्री पद पर बने रहें। वह इसका पालन करेंगे।"