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ऑस्कर में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी 'लायर्स डाइस'

अपने लापता पति को ढूंढने निकली एक आदिवासी महिला की कहानी 'लायर्स डाइस' को इस बार भारत की ओर से ऑस्कर के लिए चुना गया है। यह फिल्म 2015 के अकादमी पुरस्कारों की सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की श्रेणी में भारत का प्रतिनिधित्व क

By Edited By: Updated: Tue, 23 Sep 2014 04:58 PM (IST)

नई दिल्ली। अपने लापता पति को ढूंढने निकली एक आदिवासी महिला की कहानी 'लायर्स डाइस' को इस बार भारत की ओर से ऑस्कर के लिए चुना गया है। यह फिल्म 2015 के अकादमी पुरस्कारों की सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की श्रेणी में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। 87 वें अकादमी पुरस्कारों का आयोजन अगले साल 22 फरवरी को होगा।

गीतू मोहनदास की निर्देशन में बनी फिल्म में गीतांजलि थापा और नवाजुद्दीन सिद्दकी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआइ) के सुपर्ण सेन ने बताया कि ऑस्कर के लिए 'लायर्स डाइस' के अलावा 29 अन्य फिल्मों ने अपनी दावेदारी पेश की थी। एफएफआइ ही हर साल भारत की ओर से ऑस्कर में भेजी जाने वाली फिल्म का चयन करता है।

आदिवासी महिला की कहानीफिल्म की कहानी भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित एक गांव की आदिवासी महिला के चारों तरफ घूमती है। उसका पति दिल्ली में काम की तलाश में जाता है लेकिन बाद में उसकी कोई खबर नहीं मिलती। महिला अपनी बेटी के साथ पति को ढूंढने के लिए दिल्ली जाने का फैसला करती है। रास्ते में उसे सेना का भगोड़ा नवाजुद्दीन सिद्दकी मिलता है जो महिला को उसकी मंजिल तक पहुंचाने का फैसला करता है।

मिल चुका है राष्ट्रीय पुरस्कार

इस फिल्म के लिए थापा को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और मोहनदास के पति राजीव रवि को सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफर का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। सनडांस फिल्म समारोह और अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव रॉटरडैम में लायर्स डाइस को काफी सराहा जा चुका है।

विदेशी श्रेणी में आस्कर का इंतजार

भारत की किसी फिल्म ने विदेशी फिल्म की श्रेणी में ऑस्कर नहीं जीता है। मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की फिल्म लगान वर्ष 2001 में ऑस्कर की दौड़ के आखिरी पांच में पहुंचने में कामयाब हुई थी।

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