उबर को लाइसेंस अगले सप्ताह
बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाली युवती से दुष्कर्म के मामले में बदनाम हुई अमेरिकन कैब प्रदाता कंपनी उबर सहित अन्य मोबाइल एप आधारित कंपनियों पर लगा प्रतिबंध दो-तीन दिन में हटने के संकेत हैं।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाली युवती से दुष्कर्म के मामले में बदनाम हुई अमेरिकन कैब प्रदाता कंपनी उबर सहित अन्य मोबाइल एप आधारित कंपनियों पर लगा प्रतिबंध दो-तीन दिन में हटने के संकेत हैं। अब इन कंपनियों का पंजीकरण होगा और कैब परिचालन का लाइसेंस जारी किया जाएगा। शर्त यह है कि कैब की पूरी जिम्मेदारी इन कंपनियों की होगी। ड्राइवरों के लिए भी कड़े मानक तय किए जा रहे हैं।
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग में इन कंपनियों के पंजीकरण और लाइसेंस जारी करने का काम सोमवार या मंगलवार से शुरू होने की संभावना है। परिवहन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। ड्राइवरों को लेकर भी इन कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उपराज्यपाल नजीब जंग के निर्देशों के मद्देनजर परिवहन विभाग ने मोबाइल एप आधारित कैब कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का काम शुरू कर दिया है।
एप आधारित इन इन कंपनियों के तहत हजारों कैब चलाई जा रही हैं। इन पर प्रतिबंध लगाने का असर यह हुआ है कि शहर में कैब की कमी हो गई है। यदि प्रतिबंध ज्यादा दिनों तक चला तो ड्राइवरों के समक्ष भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए परिवहन विभाग ने कैब कंपनियों को नए दिशा-निर्देशों के दायरे में लाने का फैसला किया है। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि ये कंपनियां अपने नाम का इस्तेमाल कर चलने वाली कैब की कोई जिम्मेदारी नहीं लेतीं, यह ठीक नहीं है। जो कंपनी जिम्मेदारी लेने को तैयार होगी, वही राजधानी में काम करेगी।
उधर, वेब आधारित कैब सेवाओं से जुड़े दर्जनों चालकों ने शुक्रवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। उन्होंने दिल्ली सरकार से कैब सेवाओं को फिर से बहाल करने की मांग की है। प्रदर्शन में उबर और ओला वेब आधारित कैब सेवा के भी चालक शामिल हुए।