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चुनाव आयोग की तैयारी पूरी

आम चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तैयारी पूरी कर ली है। माना जा रहा है कि म्यांमार से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की स्वदेश वापसी के बाद 5-6 मार्च को चुनावी कार्यक्रम घोषित हो सकते हैं।

By Edited By: Updated: Mon, 03 Mar 2014 10:36 PM (IST)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आम चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तैयारी पूरी कर ली है। माना जा रहा है कि म्यांमार से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की स्वदेश वापसी के बाद 5-6 मार्च को चुनावी कार्यक्रम घोषित हो सकते हैं। यूं तो चुनाव आयोग से नक्सल प्रभावित जिलों में सबसे पहले चुनाव कराने से लेकर गर्म प्रदेशों में मई से पहले ही मतदान कराने जैसा कई आग्रह किए गए हैं।

सूत्रों का कहना है कि किसी को भी पूरा मानना मुश्किल है। बहरहाल यह कोशिश की गई है सुरक्षा व्यवस्था, मतदाताओं की सुविधा और मतदान में बढ़ोत्तरी को ध्यान में रखकर कार्यक्रम तय हो। 48 सीट वाले महाराष्ट्र, 40 वाले बिहार, 42 सीट वाले पश्चिम बंगाल में कम से कम तीन चरण में चुनाव कराए जाएंगे। गर्मी मे तपने वाले राजस्थान में जरूर एक ही चरण में चुनाव खत्म कराया जा सकता है।

2014 के लोकसभा चुनाव में 81 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा इस सप्ताह के मध्य में हो सकती है। सरकार और राजनीतिक दलों के लिए आदर्श आचार संहिता चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से प्रभाव में आ जाएगी। आयोग द्वारा पिछले महीने बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में इस तरह की मांग उठाई गई थी। मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 1 जून को समाप्त हो रहा है और नए सदन का गठन 31 मई तक किया जाना है।

लोकसभा चुनावों के साथ आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम विधानसभाओं के चुनाव भी होंगे। आयोग में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय, राज्य सरकारों, अर्धसैनिक बलों और राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श पूरा हो चुका है।

सूत्रों की मानें तो आयोग की योजना पहले चरण में नक्सल प्रभावित राज्यों और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में मतदान कराने की है। संसदीय चुनावों में पहली बार प्रायोगिक आधार पर कुछ क्षेत्रों में इलेक्ट्रानिक मतदान के लिए पर्ची मिलने की व्यवस्था लागू की जाएगी।

इस बार चुनाव में करीब 81.4 करोड़ मतदाता मतदान के लिए सक्षम होंगे। पिछले चुनावों के बाद मतदाता सूचियों में 9.71 करोड़ नए मतदाता जुड़ चुके हैं। आगामी चुनावों से बड़े राज्यों के लोकसभा क्षेत्रों के उम्मीदवार अपने प्रचार पर 70 लाख रुपए तक खर्च कर सकते हैं। 2011 में यह सीमा 40 लाख रुपए तक थी। 2009 में यह 25 लाख रुपए थी।

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इन्हीं लोकसभा चुनाव में पहली बार 'इनमें से कोई नहीं' (नोटा) का विकल्प भी मतदान के दौरान मिलेगा। कुछ महीने पहले विधानसभा चुनावों में इसे लागू किया गया था। 2014 के लोकसभा चुनावों में कुल 1.1 करोड़ चुनावकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।