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मुंडे को श्रद्धांजलि के साथ स्थगित होगी लोकसभा

सोलहवीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन सभी नवनिर्वाचित सांसद ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद दिन भर के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी। मुंडे के असमय निधन के कारण छह दिन के लिए बुलाई गई लोकसभा के कार्यक्रम में भी फेरबदल किया गया है।

By Edited By: Updated: Wed, 04 Jun 2014 07:53 AM (IST)
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नई दिल्ली , जागरण ब्यूरो । सोलहवीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन सभी नवनिर्वाचित सांसद ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद दिन भर के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी। मुंडे के असमय निधन के कारण छह दिन के लिए बुलाई गई लोकसभा के कार्यक्रम में भी फेरबदल किया गया है। मध्य प्रदेश ने दो दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया है।

संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू के अनुसार, अब नवनिर्वाचित सांसद बुधवार के बजाय गुरुवार से शपथ लेना शुरू करेंगे। गुरुवार को देर रात तक शपथ ग्रहण चलेगा और शुक्रवार दोपहर तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। प्रोटेम स्पीकर के रूप में पूर्व संसदीय कार्य व शहरी विकास मंत्री कमलनाथ सांसदों को शपथ दिलाएंगे। शुक्रवार को ही दोपहर बाद नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा। इसके बाद के तीन दिन संसद की कार्यवाही पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार चलेगी, जिसमें सोमवार 9 जून को राष्ट्रपति दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। मंगलवार और बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा होगी। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार नवनिर्वाचित सांसदों को बुधवार और गुरुवार को शपथ लेनी थी और शुक्रवार को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होना था। मुंडे की मृत्यु पर भाजपा शासित मध्य प्रदेश में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा कर दी गई है। इस दौरान सभी सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्र ध्वज आधा झुका रहेगा।

संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने बताया, 'सोमवार रात मुंडे ने कहा कि वह अपने संसदीय क्षेत्र जा रहे हैं। लिहाजा, बुधवार को देरी से संसद पहुंचेंगे। इस पर मैंने हां कर दी थी..लेकिन अब वह नहीं रहे।'

महाराष्ट्र विधानसभा ने नहीं दिया पूरा सम्मान

रविकिरण देशमुख , मुंबई : भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे को महाराष्ट्र विधानसभा में सम्मानजनक श्रद्धांजलि नहीं दी गई। एक ऐसे नेता जिन्होंने सदन में अपने जीवन के 25 वर्ष गुजारे, उनकी आत्मा की शांति के लिए लाया गया शोक प्रस्ताव महज 4 मिनट में पारित कर दिया गया। इससे कई नेता खासे नाराज दिखे। सदन में काफी हां-ना और बहस के बाद मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसे महज मुख्यमंत्री और स्पीकर दिलीप वाल्से पाटिल के भाषण के बाद पारित कर दिया गया।

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