सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का अमेरिका समर्थक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने का कोई मौका अमेरिका गंवाना नहीं चाहता है। बुधवार को तीन दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि गुजरात दंगों को लेकर हमने मोदी के वीजा पर प्रतिबंध नहीं लगाया था। यह पूर्ववर्ती सरकार की कारस्तानी थी। हम उनका स्वागत करेंगे। साथ ही उ
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने का कोई मौका अमेरिका गंवाना नहीं चाहता है। बुधवार को तीन दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि गुजरात दंगों को लेकर हमने मोदी के वीजा पर प्रतिबंध नहीं लगाया था। यह पूर्ववर्ती सरकार की कारस्तानी थी। हम उनका स्वागत करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का अमेरिका समर्थन करता है। हम परमाणु आपूर्ति समूह में भी भारत को स्थान दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।
एक समाचार चैनल से साक्षात्कार में केरी ने उपरोक्त टिप्पणी की। उनका कहना था, 'भारत में नई सरकार के रुख और तेवर से अमेरिका बेहद उत्साहित है। मोदी के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच दोस्ती को और मजबूत करने की काफी गुंजाइश है।' केरी के अनुसार, 'अमेरिका इस बात को लेकर उत्साहित है कि मोदी भारत के लोगों के लिए क्या करना चाहते हैं। सितंबर में प्रस्तावित ओबामा-मोदी शिखर वार्ता के निष्कर्षो पर हर अमेरिकी की नजर है। वाशिंगटन में हम मोदी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।' मोदी के वीजा के सवाल पर उन्होंने कहा, 'अमेरिका में हम मोदी का स्वागत करेंगे। उन्हें वीजा जरूर मिलेगा।' ध्यान रहे कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने केरी की नई दिल्ली यात्रा के दो दिन पहले मोदी का नाम उस सूची से हटा लिया, जिसके तहत 2002 के दंगों के लिए उनके वीजा पर प्रतिबंध लगाया गया था। सोमवार को जारी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में भी मोदी के नाम का कोई जिक्र नहीं किया गया है। 2007 के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिकी विदेश मंत्रालय की इस रिपोर्ट में मोदी के नाम की चर्चा नहीं की गई है। अपने इस दौरे में केरी प्रधानमंत्री मोदी से शुक्रवार को मुलाकात करेंगे।