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लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग होंगे नए सेनाध्यक्ष

नई दिल्ली। लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग देश के नए सेनाध्यक्ष होंगे। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को थलसेना के उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुहाग के नाम की शीर्ष सैन्य पद के लिए सिफारिश की थी, जिसे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मंजूरी दे दी। वर्तमान सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो रहा है, उसके बाद सुहाग कार्यभार ग्रहण करेंगे।

By Edited By: Updated: Tue, 13 May 2014 07:50 PM (IST)
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नई दिल्ली। लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग देश के नए सेनाध्यक्ष होंगे। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को थलसेना के उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुहाग के नाम की शीर्ष सैन्य पद के लिए सिफारिश की थी, जिसे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मंजूरी दे दी। वर्तमान सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो रहा है, उसके बाद सुहाग कार्यभार ग्रहण करेंगे।

रक्षा मंत्रालय ने लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग के नाम की सिफारिश की थी, लेकिन चुनाव के कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही थी। चुनाव आयोग ने रक्षा मंत्रालय को सोमवार को सेनाध्यक्ष की नियुक्ति की कवायद आगे बढ़ाने की इजाजत दे दी थी। चुनाव आयोग से हरी झंडी मिलने के साथ ही रक्षा मंत्रालय ने नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति की फाइल अंतिम मुहर के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय भेज दी थी।

इससे पहले, देश में चल रहे आम चुनावों के मद्देनजर भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि कार्यकाल खत्म कर रही संप्रग सरकार जल्दबाजी में सेनाध्यक्ष की नियुक्ति कर रही है। सरकार के ताजा कदम की आलोचना करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मनमोहन सरकार केवल 90 घंटे की मेहमान बची है।

भाजपा के आरोपों के बाद ही रक्षा मंत्रालय ने एहतियात बरतते हुए चुनाव आयोग से इस मामले में इजाजत मांगी थी। वहीं, आयोग ने जवाब में 27 मार्च को जारी अपने आदेश का हवाला देते हुए मंत्रालय को यथोचित फैसला लेने की इजाजत दे दी। आयोग पिछले आदेश में स्पष्ट कर चुका है कि सैन्य नियुक्तियां और पदोन्नतियां आदर्श आचार संहिता के दायरे में नहीं आती हैं।

सरकार की हड़बड़ी बढ़ाती है शक: वीके सिंह

नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति पर सरकार की हड़बड़ी को कठघरे में खड़ा करते हुए भाजपा नेता और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने इसे अनैतिक कदम करार दिया है। पूर्व सेना प्रमुख के मुताबिक महज चार दिन का कार्यकाल शेष रहने पर सेनाध्यक्ष जैसे अहम पद पर नियुक्ति में सरकार की जल्दबाजी सवाल उठाती है। सिंह ने कहा कि संप्रग सरकार की हड़बड़ाहट से लग रहा है कि वह किसी बात से डरी हुई है। इसीलिए सत्ता में रहते हुए दो माह बाद खाली होने वाले पद के लिए नियुक्ति का एलान कर देना चाहती है।

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