क्या अब बेअसर होने लगा है केजरीवाल का जादू?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के धरने में भीड़ नहीं जुटने को लेकर सूबे की सियासत में सनसनी है। सियासी गलियारों में सोमवार को दिन भर यह चर्चा होती रही कि क्या मुख्यमंत्री की गद्दी हासिल कर चुकने के बाद अरविंद केजरीवाल की शख्सियत का जादू दिल्ली में बेअसर होने लगा है? क्योंकि केजरीवाल बुलाएं और फिर
By Edited By: Updated: Tue, 21 Jan 2014 01:55 PM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के धरने में भीड़ नहीं जुटने को लेकर सूबे की सियासत में सनसनी है। सियासी गलियारों में सोमवार को दिन भर यह चर्चा होती रही कि क्या मुख्यमंत्री की गद्दी हासिल कर चुकने के बाद अरविंद केजरीवाल की शख्सियत का जादू दिल्ली में बेअसर होने लगा है? क्योंकि केजरीवाल बुलाएं और फिर भी दिल्ली वाले नहीं आएं, यह असामान्य बात है।
कुछ ही दिनों पहले की तो बात है। 28 दिसंबर की दोपहर रामलीला मैदान का वह यादगार मंजर शायद ही कोई भूला होगा, जब केजरीवाल अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ राजधानी के इस ऐतिहासिक मैदान में शपथ ग्रहण के लिए पहुंचे थे और पूरा मैदान खचाखच भर गया था। मैदान के भीतर और बाहर लोग ही लोग दिखाई दे रहे थे। यह भी सच है कि इनमें से ज्यादातर लोग बिना बुलाए भी केजरीवाल मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण देखने पहुंचे थे। इससे पहले भी अन्ना आंदोलन के दौरान रामलीला मैदान से लेकर जंतर-मंतर तक केजरीवाल के पीछे लोगों की भीड़ उमड़ती रही है। लेकिन सोमवार को नजारा बिल्कुल बदला-बदला सा दिखाई पड़ा। दिल्ली पुलिस के चार अधिकारियों के निलंबन की मांग को लेकर रेल भवन के समीप धरना देने पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुलेआम लोगों से अपील की कि वे छुट्टी लेकर उनके साथ धरने में शामिल होने आ जाएं। उम्मीद की जा रही थी कि धरनास्थल पर लोगों का भारी जमावड़ा होने वाला है, लेकिन धरना शुरू होने से लेकर देर रात तक केजरीवाल के इर्द-गिर्द एक से डेढ़ हजार लोगों की भीड़ ही दिख रही थी। चूंकि दिल्ली पुलिस और मीडियाकर्मियों की भारी फौज भी वहां तैनात थी, इसीलिए थोड़ी भीड़भाड़ महसूस की जा रही थी। रात आठ बजे तक धरना समर्थकों का आंकड़ा घटकर पांच सौ के करीब तक पहुंच गया था। आपको यह भी बता दें कि केजरीवाल की लोकप्रियता को ध्यान में रखते ही दिल्ली पुलिस ने उनके धरने में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। दिल्ली मेट्रो के चार स्टेशनों तक को बंद कर दिया गया था। पुलिस के लिए यह राहत की बात रही कि शहर का आम आदमी सरकार के साथ सड़कों पर नहीं उतरा।
अभद्रता पर उतरे आप कार्यकर्तामुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने द्वारा स्थापित की गई आम आदमी पार्टी को शालीन और मर्यादित पार्टी बताते नहीं थक रहे हैं। मगर इस पार्टी के कई कार्यकर्ता अब मर्यादित नहीं रहे। इस पार्टी में कई ऐसे लोग भी शामिल हो गए हैं जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। रेल भवन स्थित केजरीवाल के धरनास्थल पर इस पार्टी के लोग सोमवार को आपे से बाहर थे। शालीनता की जगह गाली-गलौच उनकी जुबान पर था और कार्यकर्ता वहां पहुंचे केजरीवाल का विरोध करने वालों की पिटाई करने पर उतारू थे।
केजरीवाल का विरोध करने के लिए जो लोग वहां पहुंचे थे, आप कार्यकर्ता उन्हें खदेड़ते रहे। मगर उनका विरोध करने वाले भी शाम को डटे रहे दूसरी ओर धरने पर बैठे अरविंद केजरीवाल समेत उनके मंत्रिमंडल के सदस्य व कार्यकर्ता समय-समय पर अपने-अपने तरीके से पुलिस को उकसाने का मौका नहीं चूक रहे थे। दरअसल, पुलिस ने धरनास्थल के पास सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था। जो भी इस घेरे से बाहर निकल रहा है, उसे फिर अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। इसको लेकर दिनभर पुलिस और आप के कार्यकर्ताओं में नोकझोंक होती रही। कई जगह ये पुलिस वालों के साथ तू तू मैं मैं करते नजर आए।
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