15 साल पुराना गठबंधन को तोड़ अकेले चुनाव लड़ेगी एनसीपी
राकांपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर जारी कयास थम गए हैं। गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद राकांपा ने कांग्रेस से रिश्ते टूटने की आधिकारिक घोषषणा कर दी। राकांपा ने कहा कि महाराष्ट्र में धर्मनिरपेक्ष सरकार के लिए हमने कांग्रेस से गठबंधन किया था, लेकिन कांग्रेस लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीट जीतने के बाद भी हमें बराबर सीट देने को राजी नहीं है।
By Edited By: Updated: Fri, 26 Sep 2014 12:46 PM (IST)
मुंबई। राकांपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर जारी कयास थम गए हैं। गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद राकांपा ने कांग्रेस से रिश्ते टूटने की आधिकारिक घोषषणा कर दी। राकांपा ने कहा कि महाराष्ट्र में धर्मनिरपेक्ष सरकार के लिए हमने कांग्रेस से गठबंधन किया था, लेकिन कांग्रेस लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीट जीतने के बाद भी हमें बराबर सीट देने को राजी नहीं है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने राकांपा को 124 सीट देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे राकांपा ने नामंजूर कर दिया। दोनों पार्टियों के बीच 15 साल से गठबंधन था। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने बिना विचार-विमर्श के अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी, उसके बाद साथ चुनाव लड़ने का मतलब ही नहीं रह जाता है। आज ही पिछले 25 वर्षो से साथ राजनीति करने वाली भाजपा-शिव सेना ने भी अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया। इससे पहले, कांग्रेस ने अपने एक सौ अठारह उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण कराड दक्षिण और नारायण राणे कुडाल से चुनाव लड़ेंगे। दिवंगत विलासराव देशमुख के बेटे अमित देशमुख को लातूर सिटी, मुंबई के पूर्व अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह को कलीना, बाबा जियासुद्दीन सिद्दीकी को बांद्रा पश्चिम व राजेंद्र दर्डा को औरंगाबाद पूर्व से टिकट दिया गया है। मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल रखने पर विचार कर रही कांग्रेस:
सीटों को लेकर अबतक आस्तीनें चढ़ा रही भाजपा और शिवसेना के बीच जहां मामला सुलझ गया है, वहीं कांग्रेस-राकांपा की उलझन बरकरार है। राकांपा ने ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग की है, जिस पर कांग्रेस आलाकमान विचार कर रहा है। यह जानकारी बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण राणे ने दी। पंद्रह अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस-राकांपा के बीच चल रही सीट बंटवारे की बातचीत बुधवार को एक कदम भी नहीं खिसक सकी। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण अपने गृहनगर कराड के दौरे पर रहे, तो राकांपा अध्यक्ष शरद पवार अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक में व्यस्त रहे।
इस बीच, कांग्रेस नेता नारायण राणे ने पत्रकारों से कहा कि राकांपा ने दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल रखने की मांग की है। उसकी इस मांग पर मुख्यमंत्री चह्वाण कांग्रेस आलाकमान से बात कर रहे हैं। बता दें कि 2004 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से अधिक सीटें जीतने के बावजूद राकांपा ने मुख्यमंत्री पद उसे सौंप दिया था। इस बार राकांपा सीटों का बंटवारा 50-50आधार पर करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री पद भी ढाई-ढाई साल रखने की मांग कर रही है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अब राकांपा को 128 सीटें देने को तैयार है लेकिन राकांपा इतनी सीटों पर भी मानने को तैयार नहीं है। माना जा रहा है कि कांग्रेस-राकांपा अपनी सीटों का मसला सुलझाने के बजाय शिवसेना-भाजपा महागठबंधन का मसला सुलझने की राह देख रही हैं। यदि महागठबंधन में शामिल दल सीट समझौता कर साथ लड़ने को तैयार होते हैं तो कांग्रेसऔर राकांपा भी शीघ्र ही किसी निष्कर्ष पर पहुंच जाएंगे। अन्यथा दोनों दल अलग-अलग लड़ने का फैसला कर सकते हैं। पढ़ें: महाराष्ट्र में थमी सियासी कलह पढ़ें: चौदह सीटों पर माने महागठबंधन के छोटे दल