Move to Jagran APP

महाराष्ट्र जल संकट: पानी भरने के दौरान कुएं में गिरा मासूम, मौत

महाराष्‍ट्र के कई इलाकों में पड़ रहे सूखे के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं। बीड जिले के गांव में पानी की तलाश में मासूमों की जानें भी जा रही हैं।

By Monika minalEdited By: Updated: Fri, 22 Apr 2016 11:12 AM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली (एएनआई)। दो दिनों में ये दूसरी ऐसी घटना है जिसमें पानी के लिए एक मासूम की मौत हो गयी। मराठवाड़ा के सूखा प्रभावित बीड जिले में गुरुवार को पानी निकालने के दौरान पांव फिसलने से कुएं में गिरकर 11 वर्ष के नन्हें मासूम ने दम तोड़ दिया।

केज तहसील स्थित वीडा गांव का निवासी सचिन गोपीनाथ केदार घर से आधा किमी दूर एक कुएं से पानी निकाल रहा था, इसी क्रम में पांव फिसलने से वह कुएं में गिर गया और उसकी मौत हो गयी। इससे पहले बीड जिले में ही लगभग सूख चुके हैंडपंप से पानी निकालने के क्रम में लू लगने से 12 वर्षीय बच्ची की मौत हो गयी थी।

जल संकट: पानी की तलाश में भटकती 12 साल की बच्ची की लू लगने से मौत

बीड के सबलखेड गांव निवासी योगिता अशोक देसाई को लू लगने का कारण भी कहीं न कहीं पानी ही है। 44 डिग्री तापमान होने के बावजूद योगिता काफी दूर एक नल से पानी भरने के लिए निकली और रास्ते में ही भीषण गर्मी और लू लगने से बेहोश हो गई और बाद में उसकी मौत हो गई।

मराठवाड़ा में पानी की कमी के कारण परिवार का प्रत्येक सदस्य विशेष तौर पर बच्चों को तेज धूप में पानी लाने कई बार बाहर जाना पड़ता है। औरंगाबाद डिवीजनल कमिश्नल उमाकांत डांगत ने कहा केवल बांधों में केवल 3 फीसद पानी बचा है।

देश की एक चौथाई आबादी झेल रही है भीषण गर्मी और सूखे की मार

क्षेत्र के 11 बड़े बांधों में से 8 की हालत बुरी है। पिछले वर्ष के इस समय से तुलना की जाए तो अभी पानी के स्टोरेज में काफी कमी है। क्षेत्रीय उद्योगों के लिए पानी कटौती की घोषणा पहले ही कर दी गयी है।

मराठवाड़ा के कई इलाकों में इन दिनों पारा 41 डिग्री के उपर है। दूरदराज के इलाकों में टैंकर से पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है लेकिन गर्मी को देखते हुए टैंकरों से पहुंचाया जाने वाला पानी लोगों की जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहा है।