महीनों इंतजार के बाद लौटेगा भारतीय युवक का शव
बीते करीब सात महीने से वतन वापसी का इंतजार कर रहे भारतीय महेश गुप्ता के शव को अब भारत की जमीन नसीब हो सकेगी। महीनों चली कवायद के बाद सऊदी अरब ने जून 2013 में बिजली हादसे में मारे गए भारतीय युवक की पार्थिव देह लौटाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया। शव को भारत आने में अभी करीब 5 दिन का वक्त और लगेगा।
By Edited By: Updated: Fri, 24 Jan 2014 12:46 PM (IST)
नई दिल्ली, [प्रणय उपाध्याय]। बीते करीब सात महीने से वतन वापसी का इंतजार कर रहे भारतीय महेश गुप्ता के शव को अब भारत की जमीन नसीब हो सकेगी। महीनों चली कवायद के बाद सऊदी अरब ने जून 2013 में बिजली हादसे में मारे गए भारतीय युवक की पार्थिव देह लौटाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया। शव को भारत आने में अभी करीब 5 दिन का वक्त और लगेगा।
दरअसल, इसी मामले को लेकर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह पर महेश के पिता की मदद न करने के आरोप मीडिया में उछले थे। हालांकि, आरपीएन सिंह कहते हैं कि अपने इलाके (उत्तर प्रदेश के कुशीनगर संसदीय क्षेत्र) के इस युवा की मौत पर उन्होंने जुलाई से लेकर सतत रूप से विदेश मंत्रालय के माध्यम से संवाद किया। उनके अनुसार मृत बेटे का शव वापस लाने में परिजनों की परेशानी की सूचना मिलने पर 1 जुलाई 2013 को उन्होंने पहला पत्र लिखा था। इसके बाद लगातार सऊदी अरब सरकार से पत्राचार होता रहा। नतीजतन लंबे पत्राचार व औपचारिकताओं के बाद 22 जनवरी को सऊदी सरकार ने भारतीय युवा का शव वापस लौटाने को अनापत्ति जारी कर दिया है। महत्वपूर्ण है कि सऊदी अरब की अली एंड संस मरीन इंजीनियरिंग फैक्टरी में काम करने वाले तीस वर्षीय महेश गुप्ता की बिजली हादसे में 25 जून 2013 को मौत हो गई थी। खाड़ी मुल्क में तीन महीने से भी कम वक्त काम करने के बाद ही वह हादसे का शिकार हो गए। वहीं कार्य अनुबंध की शर्तो को लेकर आई दिक्कतों के कारण परिजन मृत महेश का शव भारत नहीं लौटा पाए। विदेश मंत्रालय को भी इस मामले में सऊदी अरब सरकार को कई बार पत्र भेजकर याद दिलाना पड़ा। पढ़े: सऊदी अरब में आठ साल से ज्यादा नहीं रह सकेंगे प्रवासी
आरपीएन सिंह ने सोशल नेटवर्किग साइट ट्विटर पर लिखे संदेश में बताया कि सऊदी अरब सरकार से 22 जनवरी को महेश का शव परिजनों को सौंपने के बाबत अनापत्ति पत्र मिल गया है। उल्लेखनीय है कि खाड़ी देशों के मुल्कों में भारतीय कामगारों को कई बार कामकाज की बेहद कड़ी शर्तो में काम करना पड़ता है जिसके तहत उनके पासपोर्ट भी रखवा लिए जाते हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी कई मामलों में विदेशों में फंसे लोगों को भारत लाने के लिए केंद्र स्तर पर प्रयास किए जा चुके हैं। हालांकि, सऊदी सरकार के कदम से पीडि़त परिवार को राहत मिली है।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर