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नीतीश का लालू को जोर का झटका: 13 विधायक सरकार के संग

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सोमवार एक साथ दो झटके लगे। पहला झटका रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के साथ छोड़ने की पुष्ट होती संभावना ने दिया तो दिन ढलते राजद टूटने की खबर सामने थी। जब तक हालात संभालने की कोशिश होती, तब तक विधायक सम्राट चौधरी के आवास पर एकत्रित विधायकों ने नीतीश सरकार के समर्थन की चिट्ठी विधानसभा अध्यक्ष को भेजकर अपना अलग गुट बनाने की मांग कर डाली।

By Edited By: Updated: Tue, 25 Feb 2014 07:30 AM (IST)
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पटना [जागरण न्यूज नेटवर्क]। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सोमवार एक साथ दो झटके लगे। पहला झटका रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के साथ छोड़ने की पुष्ट होती संभावना ने दिया तो दिन ढलते राजद टूटने की खबर सामने थी। जब तक हालात संभालने की कोशिश होती, तब तक विधायक सम्राट चौधरी के आवास पर एकत्रित विधायकों ने नीतीश सरकार के समर्थन की चिट्ठी विधानसभा अध्यक्ष को भेजकर अपना अलग गुट बनाने की मांग कर डाली। विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने भी देर न करते हुए राजद से अलग हुए विधायकों को अलग गुट की मान्यता दे दी और आनन-फानन में विधानसभा के सचिव ने इस आशय की अधिसूचना भी जारी कर दी। जबकि देर रात आठ विधायकों ने खुद के राजद में ही होने की बात कही।

बिहार में 22 विधायकों वाले राजद में से 13 सदस्यों की टूट से लालू हिल गए हैं। इस राजनीतिक झटके के भाव उनके चेहरे पर साफ दिखाई दिए। जिन विधायकों ने उनका साथ छोड़ा है उनमें से पांच मुस्लिम हैं। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसे राजद के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है। बिहार में जदयू और भाजपा का गठबंधन टूटने और चारा घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद यादव मतदाताओं के बीच पैदा हुई सहानुभूति के बाद लालू की राजनीतिक स्थिति मजबूती की ओर बढ़ती मानी जा रही थी। लोजपा और कांग्रेस के साथ वह लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की रूपरेखा भी बना रहे थे। माना जा रहा था कि लालू मुस्लिम-यादव मतों में एकजुटता पैदा करके एक बार फिर अपनी सफलता की कहानी लिखेंगे। लेकिन सोमवार के घटनाक्रम ने सब कुछ बदलकर रख दिया।

विधानसभा के सचिव फूल झा ने राजद से अलग हुए 13 विधायकों को अलग गुट के रूप में मान्यता दिए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि विधानसभा में ये विधायक अलग बैठेंगे। राजद के वरिष्ठ नेता शकुनि चौधरी के पुत्र विधायक सम्राट चौधरी जब रविवार को खगड़िया से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हेलीकॉप्टर में बैठकर पटना आए थे, तभी दाल में कुछ काला होने का संदेह पैदा हो गया था। लेकिन सब कुछ इतने बड़े रूप में और इतनी जल्द सामने आ जाएगा, इसका इलहाम शायद लालू को भी नहीं था। कांग्रेस से रिश्ते पर नाराज सम्राट चौधरी का कहना है कि लालू जिस तरह से व्यवहार कर रहे हैं उससे उन्हें राजद का विलय कांग्रेस में करके उसी की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहिए। जिस पार्टी ने उन्हें जेल भेजवाया, वह उसी पार्टी के साथ गलबहियां करके चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

आठ विधायकों का दावा, उनसे धोखा हुआ

पटना [जागरण ब्यूरो]। राजद में टूट की खबर फैलते ही नुकसान रोकने के लिए सक्रिय हुए राजद नेताओं ने कुछ ही देर में बगावत में नाम लिखाने वाले आठ विधायकों के अपने साथ होने का दावा किया। विधायक दल नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के साथ मीडिया के सामने आए छह विधायकों ने कहा कि धोखा देकर उनसे दस्तखत कराए गए हैं। विधायक अब्दुल गफूर, ललित यादव, डॉ. फैयाज अहमद, दुर्गा प्रसाद सिंह, चंद्रशेखर व अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने राजद कार्यालय में मीडिया के समक्ष कहा कि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के लिए दस्तखत कराए जाने की बात कहकर सम्राट चौधरी ने उन्हें धोखा दिया। वे राजद में थे, दल में हैं और आगे भी रहेंगे। देर रात विधायक राघवेंद्र सिंह और जितेंद्र राय ने भी अपनी निष्ठा राजद में जता दी। लेकिन इस सबसे पहले विधानसभा सचिवालय से राजद के इन 13 विधायकों को अलग गुट के रूप में मान्यता दिए जाने की अधिसूचना जारी हो चुकी थी। इसलिए अब मामला कानूनी दांव-पेच में फंस गया है।

बागी विधायकों की सूची :-

1 - सम्राट चौधरी

2 - ललित यादव

3 - रामलखन राम

4 - जावेद इकबाल अंसारी

5 - दुर्गा प्रसाद सिंह

6 - जितेंद्र राय

7 - चंद्रशेखर

8 - अख्तर उल इस्लाम शाहिन

9 - अनिरुद्ध कुमार

10 - राघवेंद्र प्रसाद सिंह

11 - डॉ फैयाज

12 - अख्तर उल इमान,

13 - अब्दुल गफूर