जानिए, विजय माल्या का प्रत्यर्पण भारत के लिए क्यों है टेढ़ी खीर
विजय माल्या का पासपोर्ट रद्द कराकर उन्हें ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराना जांच एजेंसियों के आसान नहीं होगा। ऐसे मामलों में आरोपियों के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराने में जांच एजेंसियों के अभी तक के अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं।
नई दिल्ली, [नीलू रंजन]। विजय माल्या का पासपोर्ट रद्द कराकर उन्हें ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराना जांच एजेंसियों के आसान नहीं होगा। ऐसे मामलों में आरोपियों के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराने में जांच एजेंसियों के अभी तक के अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं।
पिछले 10 साल से वार रूम लीक मामले के आरोपी रवि शंकरन का प्रत्यपर्ण कराने में सीबीआइ को सफलता नहीं मिली है। वहीं प्रवर्तन निदेशालय ललित मोदी के खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी कराने के लिए पांच महीने से इंतजार कर रहा है। एक जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब सारे सबूत होने के बावजूद रवि शंकरन के प्रत्यर्पण कराने में सफलता नहीं मिली है, तो बिना जांच के विजय माल्या के प्रत्यर्पण कराने का दावा करना उचित नहीं होगा।
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दरअसल, वार रूम लीक केस में सीबीआइ ने 2006 में ही रवि शंकरन को भगोड़ा घोषित कर रेड कार्नर नोटिस जारी करा दिया था। इसके बाद रवि शंकरन ने 2010 में ब्रिटेन की एक अदालत में आत्मसमर्पण भी कर दिया थी। सीबीआइ अदालत में रवि शंकरन के खिलाफ केस जीत भी गई। इसके बावजूद अभी तक उसका प्रत्यर्पण नहीं कराया जा सकता है। जबकि रवि शंकरन पर ज्यादा संगीन आरोप है। पूर्व नौसेनाध्यक्ष अरुण प्रकाश के भतीजे रवि शंकरन पर नौसेना के वार रूम से गोपनीय सूचनाएं चुराने का आरोप है। इस मामले में नौसेना के आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट भी हो चुकी है।
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वहीं आइपीएल में फंड के दुरुपयोग के आरोप में विभिन्न एजेंसियों की जांच का सामना कर रहे ललित मोदी के खिलाफ अभी तक रेड कार्नर नोटिस भी जारी नहीं किया जा सका है। ईडी ने लगभग पांच महीने पहले इंटरपोल को ललित मोदी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने के लिए अनुरोध किया था। लेकिन इंटरपोल इस अनुरोध पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हालत यह है कि बिना रेड कार्नर नोटिस के कोई भी देश ललित मोदी को गिरफ्तार नहीं कर सकता है। ऐसे में ललित पूरी दुनिया में घुमने के लिए स्वतंत्र है। भारत में इंटरपोल की शाखा सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईडी का केस बहुत मजबूत नहीं होने के कारण शायद रेड कार्नर नोटिस जारी कराने में दिक्कत आ रही है।
रवि शंकरन और ललित मोदी की तुलना में विजय माल्या के खिलाफ केस की जांच शुरूआती दौर में है। हैदराबाद के चेक बाउंस मामले को छोड़ दें, तो सीबीआइ और ईडी के किसी केस में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया गया है। ईडी ने 18 मार्च को भले ही माल्या को पूछताछ के लिए बुलाया है। लेकिन माल्या चाहे तो ईडी से आगे का समय भी मांग सकते हैं। जिसकी उम्मीद ज्यादा है। ऐसे में ईडी के पास समय देने के अलावा कोई चारा नहीं है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि माल्या के खिलाफ असली कार्रवाई शुरू होने में अभी वक्त लगेगा और यह बात पर निर्भर करेगा कि जांच एजेंसियों को क्या सबूत मिलते हैं।
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