जन-मन से जुड़ने लगी है 'मन की बात',फोन कॉल -पत्रों की संख्या में बढ़ोतरी
'मन की बात' के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी आम भारतीयों से जुड़ते हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक आम भारतीय इस कार्यक्रम में खासी रुचि ले रहे हैं।
By Lalit RaiEdited By: Updated: Fri, 08 Jul 2016 06:53 AM (IST)
नई दिल्ली[नीलू रंजन]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मन की बात' अब जन-मन से जुड़ने लगी है। प्रसारण से पहले अब बड़ी संख्या में लोग प्रधानमंत्री को 'मन की बात' के लिए सलाह भी देने लगे हैं। सरकार की ओर भी जनता की भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं, जिनमें प्रसारण से पहले देश के विभिन्न स्थानों पर विशेष बूथ लगाना शामिल हैं। बड़ी बात यह है कि प्रसारण के पहले हर सलाह पर गौर किया जाता है और चुनिंदा सलाह को प्रधानमंत्री अपनी 'मन की बात' में शामिल करते हैं।
दरअसल प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने अक्टूबर 2014 से आम जनता से अपनी 'मन की बात' साझा करनी शुरू की थी। हर महीने इसके प्रसारण के दो दिन पहले आम जनता से सलाह मांगी जाती है। इसके लिए विशेष फोन नंबर, माई-गोव वेबसाइट, मोबाइल एप्लीकेशन के साथ-साथ पत्र लिखकर भी लोग प्रधानमंत्री को सलाह दे सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जहां शुरू-शुरू में औसतन 20 हजार लोग विशेष नंबर पर फोन कर अपनी सलाह रिकार्ड कराते थे। वहीं उनकी संख्या अब 55 हजार तक हो गई है। 21 महीने में फोन काल की संख्या में ढाई गुनी से अधिक बढ़ोतरी कार्यक्रम की लोकप्रियता को दर्शाता है।जानें, आप के किस मंत्री ने शीला को बताया मोदी की चाचीफोन काल के अलावा लगभग एक हजार लोग पत्र के माध्यम अपनी सलाह प्रधानमंत्री को देते हैं। पत्र और फोन काल के अलावा माई-गोव वेबसाइट और मोबाइल एप पर भी लोग अपनी सलाह देते हैं। आंकडों के मुताबिक हर महीने 5000 हजार लोग माई-गोव वेबसाइट पर अपनी सलाह पोस्ट करते हैं, तो हाल मोबाइल एप पर 1000-1200 लोग सलाह देते हैं। अब सरकार उन लोगों तक भी पहुंचने की कोशिश कर रही है, जो न तो फोन करते है, न पत्र लिखते और न ही वेबसाइट पर जाते हैं। ऐसे लोगों तक पहुंचने के लिए प्रसारण के दो दिन पहले विभिन्न स्थानों पर विशेष बूथ लगाए जाते हैं। जहां लोगों को अपनी राय रिकार्ड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
हर बूथ पर प्रतिदिन 700 लोगों को अपनी राय रिकार्ड कराते देखा गया है। योजना ऐसे बूथों की संख्या बढ़ाने और उसे पूरे देश में फैलाने की है। ताकि सभी क्षेत्रों से अधिक-से-अधिक लोग 'मन की बात' से जुड़ सकें। खास बात है कि दो दिनों में आए 60-70 सलाहों की बारीकी से पड़ताल की जाती है और उन्हें प्रधानमंत्री के सामने रखा जाता है। जिसमें से वे चुनिंदा रिकार्डिग को 'मन की बात' के लिए चुनते हैं।