दलित जोड़ो मुहिम आगे बढ़ाने को मांझी महाराष्ट्र में
दलित जोड़ो मुहिम को आगे बढ़ाने बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी महाराष्ट्र की यात्रा पर आए। उन्होंने बिहार के पूर्व राज्यपाल डीवाई पाटिल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री की अपनी कुर्सी पर लटकती तलवार के बीच महाराष्ट्र की उनकी इस यात्र का मकसद फिलहाल पूर्व राज्यपाल से मुलाकात करना ही
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। दलित जोड़ो मुहिम को आगे बढ़ाने बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी महाराष्ट्र की यात्रा पर आए। उन्होंने बिहार के पूर्व राज्यपाल डीवाई पाटिल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री की अपनी कुर्सी पर लटकती तलवार के बीच महाराष्ट्र की उनकी इस यात्र का मकसद फिलहाल पूर्व राज्यपाल से मुलाकात करना ही बताया जा रहा है।
पाटिल के महाराष्ट्र में कई इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेज हैं। मांझी दो दिन की यात्रा पर महाराष्ट्र आए थे, लेकिन बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच वह रविवार देर रात वापस लौट गए। करीब डेढ़ साल तक बिहार के राज्यपाल रहने के दौरान पाटिल ने वहां की जनता से बिहार में भी एक मेडिकल कॉलेज खोलने का वादा किया था।
मुख्यमंत्री मांझी पाटिल के पास उसी वादे को पूरा कराने महाराष्ट्र पहुंचे। कोल्हापुर में पाटिल से उनकी मुलाकात हुई और बिहार में एक मेडिकल कॉलेज खोलने के समझौते पर हस्ताक्षर भी हुए। इस मुलाकात से इतर मांझी के इस दौरे का असल व राजनीतिक उद्देश्य खुद को दलित नेता के रूप में और मजबूत करना बताया जा रहा है।
इस समय देश के एकमात्रदलित मुख्यमंत्री मांझी की दादर स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के समाधि स्थल चैत्यभूमि जाने व उनकी पुत्रवधू मीरा अंबेडकर व दलित अधिकारियों से मुलाकात की भी योजना थी। लेकिन किसी कारणवश मांझी अपना दौरा बीच में ही रोककर वापस लौट गए।
मांझी इससे पहले बिहार में भी दलित अधिकारियों के साथ बैठक कर अपनी मंसा स्पष्ट कर चुके हैं। अब महाराष्ट्र में ऐसा कर मांझी खुद को देश की दलित राजनीति की मुख्यधारा में लाना चाहते हैं। ताकि बिहार में उनकी पार्टी का कोई नेता उनकी ओर आंख उठाकर देखने की हिम्मत न करे और यदि ऐसा हो भी तो उसके विरोध में देशभर से आवाज उठे।