नीलू रंजन, नई दिल्ली। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ मुलाकात के दौरान मनमोहन सिंह भारत में आतंकी वारदातों के पीछे खुफिया एजेंसी आइएसआइ के हाथ होने के सुबूत सौंप सकते हैं। नवाज-मनमोहन की मुलाकात की बढ़ती संभावनाओं के बीच गृह मंत्रालय पिछले एक साल दौरान के गिरफ्तार आतंकियों के खुलासे के आधार पर आइएसआइ के खिलाफ रिप
By Edited By: Updated: Sat, 14 Sep 2013 10:39 PM (IST)
नई दिल्ली [नीलू रंजन]। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ मुलाकात के दौरान मनमोहन सिंह भारत में आतंकी वारदातों के पीछे खुफिया एजेंसी आइएसआइ के हाथ होने के सुबूत सौंप सकते हैं। नवाज-मनमोहन की मुलाकात की बढ़ती संभावनाओं के बीच गृह मंत्रालय पिछले एक साल दौरान के गिरफ्तार आतंकियों के खुलासे के आधार पर आइएसआइ के खिलाफ रिपोर्ट बनाने में जुट गया है। अबू जुंदाल, फसी महमूद, अब्दुल करीम टुंडा और यासीन भटकल से पूछताछ में इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर ए तैयबा के साथ आइएसआइ के संबंधों की अहम जानकारी मिली है। इन सभी आतंकियों को पिछले 15 महीनों के भीतर गिरफ्तार किया गया है।
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नकल करते पकड़े गए आइएसआइ अधिकारी गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर आइएसआइ की काली करतूतों पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसमें जुंदाल से यासीन भटकल तक सऊदी अरब और नेपाल से पकड़े गए लश्कर और आइएम के बड़े आतंकियों से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी को शामिल किया जा रहा है। 2006 के बाद भारत में हुए लगभग सभी बम धमाकों में शामिल यासीन ने भारतीय एजेंसियों को बताया है कि इंडियन मुजाहिदीन का गठन ही आइएसआइ के इशारे पर हुआ है। उसने आइएसआइ के वरिष्ठ अधिकारियों के बारे में भी जानकारी दी है, जिनके इशारे पर वह आतंकी वारदातों को अंजाम देता था। यासीन भटकल ही नहीं, पाकिस्तान में लंबे समय तक रह चुके जुंदाल और अब्दुल करीम टुंडा ने भारत विरोधी आतंकी संगठनों के साथ आइएसआइ के संबंधों का कच्चा-चिट्ठा बयान किया है। इनमें उन्हें पाकिस्तान के भीतर दी गई आतंकी ट्रेनिंग से लेकर वैध दस्तावेज तक बनाने में आइएसआइ की भूमिका झलकती है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शरीफ से मुलाकात की स्थिति में मनमोहन सिंह आइएसआइ की काली करतूतों का मुद्दा उठाएंगे और तमाम सुबूतों के साथ विस्तृत रिपोर्ट सौपेंगे। उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ को भारत के साथ अच्छे संबंधों की दुहाई देने के पहले अपने खुफिया एजेंसी पर लगाम लगाना होगा।
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