वकीलों का अब प्रेमी जोड़ों के लिए मैरिज पैकेज
हाइटेक होती शादियों के बीच अब प्रेमी जोड़ों के विवाह बंधन में बंधने का नया ट्रेंड चल पड़ा है। परिजनों की मर्जी के खिलाफ विवाह करने के इच्छुक जोड़ों के लिए वकील बाकायदा मैरिज पैकेज दे रहे हैं। इसमें मंदिर, पुजारी, फेरे, कोर्ट मैरिज व सुरक्षा खर्च तक की व्यवस्था शामिल है।
By Edited By: Updated: Sun, 30 Jun 2013 08:54 AM (IST)
चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। हाइटेक होती शादियों के बीच अब प्रेमी जोड़ों के विवाह बंधन में बंधने का नया ट्रेंड चल पड़ा है। परिजनों की मर्जी के खिलाफ विवाह करने के इच्छुक जोड़ों के लिए वकील बाकायदा मैरिज पैकेज दे रहे हैं। इसमें मंदिर, पुजारी, फेरे, कोर्ट मैरिज व सुरक्षा खर्च तक की व्यवस्था शामिल है। नए ट्रेंड का फायदा उठाते हुए पंडित भी वकीलों को ग्राहक लाने के लिए एसएमएस कर रहे हैं।
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की वेकेशन बेंच के सामने इन दिनों आधे से ज्यादा केस प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा से संबंधित हैं। जब कोई प्रेमी जोड़ा हाई कोर्ट में सुरक्षा लेने के लिए आता है तो वकील विवाह कराने के लिए पंडितों की सेवा लेते हैं। विभिन्न मंदिरों के पुजारियों समेत कई अन्य धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि हाई कोर्ट के वकीलों के संपर्क में रहते हैं। कुछ पंडित तो वकीलों को इस बाबत नियमित एसएमएस भी करते रहते हैं। हाई कोर्ट के कई वकील ऐसे युवक- युवतियों को मैरिज पैकेज उपलब्ध करवाते हैं। इसमें वकील की फीस, कोर्ट फीस, मंदिर के पुजारी की फीस व अन्य खर्च शामिल होते हैं। आमतौर पर यह पैकेज बीस हजार से एक लाख रुपये तक का होता है। इसके अलावा कई अन्य वकील विवाह के लिए दस से तीस हजार रुपये तक की फीस भी चार्ज करते हैं। विवाह के व्यावसायीकरण पर नजर
हाई कोर्ट अमूमन विवाह का फोटो देखकर प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा देता है। कुछ मामले ऐसे भी हैं जिनमें दर्जनों प्रेमी जोड़ों का विवाह कराने वाला एक ही पुजारी निकला। कोर्ट की इस पर नजर है। यह भी पता चलता है कि कोर्ट में सुरक्षा की मांग करने वाले 90 फीसद से अधिक प्रेमी जोड़े बेरोजगार हैं और ये घर वालों पर ही निर्भर होते हैं।
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