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भारतीय नौसेना के लिए क्यों झटका हैं स्कार्पियन पनडुब्बी डेटा लीक, 10 बड़ी बातें

भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली स्कॉर्पियन पनडुब्बी से जुड़े दस्‍तावेज लीक होने पर रक्षामंत्री ने नौसेना प्रमुख से रिपोर्ट मांगी है।

By kishor joshiEdited By: Updated: Wed, 24 Aug 2016 03:53 PM (IST)
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नई दिल्ली (किशोर जोशी)। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया द्वारा दावा किया जा रहा है कि भारतीय नौसेना के लिए तैयार की गई स्कॉर्पियन पनडुब्बी की युद्धक क्षमता से जुड़ी गुप्त जानकारियां लीक हो गई हैं। इन दस्तावेजों का लीक होना भारत के लिए एक झटके के तौर पर भी देखा जा रहा है।

दस्तावेजों के लीक होने की खबर पर पर्रिकर ने कहा कि यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर किस तरह का डेटा लीक हुआ है। कहा जा रहा है कि संबंधित दस्तावेज एक फ्रांसीसी कंपनी से लीक हुए हैं। रक्षा मंत्री ने इस मामले में नौसेना प्रमुख से रिपोर्ट मांगी हैं।

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स्कॉर्पियन पनडुब्बी के गोपनीय दस्तावेज लीक, रक्षा मंत्री ने नौसेना प्रमुख से मांगी रिपोर्ट

एक नजर डालते हैं उन बिंदुओं पर जिन वजहों से दस्तावेजों का लीक होना भारत के लिए झटका है:-

  • रिपोर्ट के अनुसार लीक दस्तावेज 22 हजार 400 पृष्ठों का है और उनमें छह स्कॉर्पियन पनडुब्बियों की युद्धक क्षमताओं के गोपनीय विवरण है।
  • भारत के लिए यह इसलिए भी चिंता का विषय है क्योंकि इससे जुड़ी हुई गुप्त जानकारियां पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के हाथ भी लग सकती हैं।
  • जिसे भी ये खुफिया दस्तावेज हासिल होंगे उसे पनडुब्बियों के बारे में पूर्ण जानकारी मिल जाएगी, जिसमें इसकी स्पीड, तकनीकी जानकारी सहित अन्य जानकारियां शामिल हैं।
  • इस पनडुब्बी का डिजायन फ्रांस की पोत कंपनी डीसीएनएस द्वारा तैयार किया गया है। इस लीक से आस्ट्रेलिया और अमेरिका में भी सामरिक चिंताएं पैदा हो गई हैं।
  • इन पनडुब्बियों को अपनी तरह की पनडुब्बियों में सर्वाधिक आधुनिक माना जाता है। इनके बारे में कहा जाता है कि दुश्मन को इनकी भनक लगना बेहद मुश्किल होता है।
  • इन दस्तावेजों के लीक के पीछे व्यवसायिक प्रतिद्वांदिता भी बताया जा रहा है।
  • स्कॉर्पियन की तकनीक विश्व की सबसे ज्यादा सेंसेटिव, सुरक्षित और ताकतवर पनडुब्बी तकनीक है। भारत की कलवरी पनडुब्बी इसी तकनीक पर आधारित है।
  • पनडुब्बी के अन्य वेरिएंट मलेशिया और चिली इस्तेमाल करते हैं, और ब्राज़ील भी 2018 में इन्हीं को तैनात करने वाला है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
  • रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर किस तरह का डाटा लीक हुआ है और कहीं ये हैकिंग का मामला तो नहीं है।

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