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सुसाइड नोट से उलझी मिलिता की मौत की गुत्थी

राज्य सभा चैनल की प्रोडयूसर मिलिता दत्त मंडल की मौत के 17 दिन बाद उनका सुसाइड नोट सामने आया है। इससे उनकी मौत की गुत्थी सुलझने की बजाय और भी ज्यादा उलझ गई है। वहीं, क्राइम ब्रांच का कहना है कि मिलिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सिर में लगी गंभीर चोट और मल्टीपल फ्रेक्चर को बताया गया

By Edited By: Updated: Thu, 07 Aug 2014 08:15 AM (IST)
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गाजियाबाद (जागरण संवाददाता)। राज्य सभा चैनल की प्रोडयूसर मिलिता दत्त मंडल की मौत के 17 दिन बाद उनका सुसाइड नोट सामने आया है। इससे उनकी मौत की गुत्थी सुलझने की बजाय और भी ज्यादा उलझ गई है। वहीं, क्राइम ब्रांच का कहना है कि मिलिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सिर में लगी गंभीर चोट और मल्टीपल फ्रैक्चर को बताया गया है। पुलिस ने मिलिता की कार से बरामद किए सुसाइड नोट को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। अंग्रेजी में लिखे सुसाइड नोट में मिलिता ने जिंदगी से परेशान होकर जान देने की बात लिखी है।

बुधवार को दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ मिलिता की जेब से मिली उनकी आइ 10 कार की चाबी भी क्राइम ब्रांच को सौंपी। क्राइम ब्रांच प्रभारी राजेश द्विवेदी ने बताया कि मिलिता घटना वाले दिन अपनी कार अपार्टमेंट के बेसमेंट में खड़ी कर ताला लगाकर चली गई थी। कार की चाबी उनकी जींस की जेब में रखी थी। मिलिता के पति उन्हें अपनी होंडा सिटी कार में डालकर दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल ले गए थे। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने मिलिता के शव तथा उनके पास से मिला सामान अपने कब्जे में ले लिया था। कार की चाबी मिलने पर मिलिता के पति व माता पिता आदि परिजनों की निगरानी में कार को खोलकर तलाशी ली गई तो उसमें डेश बोर्ड से सुसाइड नोट बरामद हुआ। पुलिस ने सुसाइड नोट को जांच के लिए आगरा प्रयोगशाला में भेजा है।

पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल

17 दिन बाद मिले सुसाइड नोट ने पूरे मामले में सवाल खड़े कर दिए हैं। जब घटना के बाद पुलिस ने जांच की थी तो सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ था। वहीं सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या घटना के बाद पुलिस ने मिलिता की कार की जांच की थी? यदि की थी तो उस वक्त सुसाइड नोट क्यों नहीं मिला? मिला था तो इसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? क्या सुसाइड नोट को सार्वजनिक करने से पहले पुलिस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी? जबकि बताया जा रहा है कि घटना के बाद ही पुलिस ने परिजनों से दूसरी चाबी लेकर कार की तलाशी ली थी। मिलिता अपने परिवार के साथ वैशाली सेक्टर चार स्थित महागुन मौजिक फेस दो में आठवें फ्लोर पर रहती थी। 21 जुलाई की रात में मिलिता का शव अपार्टमेंट के बेसमेंट में पड़ा मिला था। सामने आया था कि ऊंचाई से गिरने से उनकी मौत हुई थी। इंदिरापुरम पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। बाद में जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी।

सुसाइड नोट की होगी जांच

सुसाइड नोट की कॉपी को जांच के लिए आगरा भेजा गया है। क्राइम ब्रांच की टीम मामले की जांच में लगी है।

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