झारखंड में समर्पण करने वाले नक्सलियों पर तीन करोड़ खर्च
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक 2014 में 458, 2015 में 417 और 2016 में 449 नक्सलियों की गिरफ्तारी की गई है।
रांची [प्रणव]। ऑपरेशन नई दिशा के बाद से झारखंड में 2010 से अक्टूबर-2016 तक कुल 114 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसमें सर्वाधिक 32 आत्मसमर्पण इस वर्ष हुआ है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर तीन करोड़ 29 लाख 83 हजार 940 रुपये खर्च किए गए हैं। वहीं आत्मसमर्पण के बाद 2010 में एक नक्सली को उसके साथियों ने मार दिया था।
इसके एवज में उसके परिजन को 20 लाख रुपये का अनुदान दिया गया था। इस वर्ष आत्मसमर्पण में तेजी आने के पीछे झारखंड सरकार द्वारा नक्सलियों पर इनाम की राशि में इजाफा और नक्सली संगठनों पर सुरक्षाबलों की मजबूत घेराबंदी का अहम रोल बताया जाता है। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक 2014 में 458, 2015 में 417 और 2016 में 449 नक्सलियों की गिरफ्तारी की गई है।
किस मद में कितना खर्च नक्सलियों के पुनर्वास पर एक करोड़ 45 लाख 30 हजार रुपये, गृह निर्माण पर 30 लाख 99 हजार रुपये, इनाम पर एक करोड़ 40 लाख रुपये, शस्त्र समर्पण पर चार लाख 50 हजार रुपये, शिक्षण शुल्क पर दो लाख 23 हजार 440 रुपये, मकान किराये पर एक लाख 93 हजार 500 रुपये और व्यावसायिक शिक्षा पर दो लाख 88 हजार रुपये खर्च किए गए हैं। इसके अलावा जमीन का आवंटन अलग से किया गया है। अब तक कुल 30 नक्सलियों को राज्य सरकार द्वारा भूमि आवंटित की गई है।
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