मोदी के करगिल दौरे से पहले दहशतगर्द सक्रिय
पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार को बीएसएफ के एक जवान को लौटाने के कुछ ही घंटों बाद देर रात गए एलओसी से सटे पुंछ जिले के अग्रिम इलाकों में दोबारा जंगबंदी का उल्लंघन किया, यह कोई सामान्य बात नहीं है। यह गोलाबारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करगिल दौरे से पहले ठीक उस समय हो रही है
By Edited By: Updated: Mon, 11 Aug 2014 08:35 AM (IST)
श्रीनगर [नवीन नवाज]। पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार को बीएसएफ के एक जवान को लौटाने के कुछ ही घंटों बाद देर रात गए एलओसी से सटे पुंछ जिले के अग्रिम इलाकों में दोबारा जंगबंदी का उल्लंघन किया, यह कोई सामान्य बात नहीं है। यह गोलाबारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करगिल दौरे से पहले ठीक उस समय हो रही है, जब पीरपंचाल के उत्तर में कश्मीर के टंगधार सेक्टर में घुसपैठियों का एक दल सेना की घेराबंदी में फंसा हुआ है।
जम्मू-कश्मीर के सियासी और प्रतिरक्षा मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि जंगबंदी का यह उल्लंघन कोई सामान्य बात नहीं है। वह इसे सीधा केंद्र में सत्ता परिवर्तन से जोड़ते हुए कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कश्मीर मुद्दे पर बातचीत के लिए दबाव बनाने के अलावा जम्मू कश्मीर में घुसपैठियों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में धकेलने के लिए ही पाकिस्तानी सेना द्वारा बार बार जंगबंदी का उल्लंघन किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में अगले कुछ महीनों के दौरान विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और पहाड़ों पर बर्फ गिरने वाली है। इसलिए पाकिस्तानी सेना चाहेगी कि वह सरहदी इलाकों में स्थिति को तनावपूर्ण बनाए रखे और आतंकियों की घुसपैठ करा सके। इसलिए आने वाले दिनों में जंगबंदी का उल्लंघन और घुसपैठ की कोशिशें बढ़ सकती हैं। पाकिस्तानी सेना कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद का मुद्दा बनाए रखने के लिए ही अंतरराष्ट्रीय सीमा व एलओसी पर तनाव अथवा युद्ध जैसी स्थिति बनाए रखना चाहती है। हालत यह है कि अगर अग्रिम इलाकों में भारतीय सैनिक अपने किसी बंकर अथवा चौकी की मरम्मत करते हैं तो भी सरहद पार से गोलीबारी होती है।