फसाद की जड़ तो यही 'माननीय' हैं
कानपुर [प्रवीन शर्मा]। 'अंधेर है भाई अंधेर' जब सरकार हमारी है तो लाठी भी हमारे साथ है। हम तो खुद भी मारेंगे और खाकी से भी पिटवाएंगे। कोई हमारा क्या बिगाड़ सकता है। कुछ यही संकेत दे रहा है यह फोटो जिसमें सपा विधायक इरफान सोलंकी न सिर्फ मेडिकल कालेज के छात्र का गला घोंट रहे हैं बल्कि कानून का भी। कानून को चाहि
By Edited By: Updated: Wed, 05 Mar 2014 10:06 AM (IST)
कानपुर [प्रवीन शर्मा]। 'अंधेर है भाई अंधेर' जब सरकार हमारी है तो लाठी भी हमारे साथ है। हम तो खुद भी मारेंगे और खाकी से भी पिटवाएंगे। कोई हमारा क्या बिगाड़ सकता है। कुछ यही संकेत दे रहा है यह फोटो जिसमें सपा विधायक इरफान सोलंकी न सिर्फ मेडिकल कालेज के छात्र का गला घोंट रहे हैं बल्कि कानून का भी।
कानून को चाहिए साक्ष्य अधिकांश फैसले साक्ष्यों के आधार पर ही सुनाये जाते हैं लेकिन यहां तो जंगलराज जैसी स्थिति बनी हुई है। खुद ही अदालत बन बैठे हैं और खुद ही जज। इस सच को झूठ का मुलम्मा पहनाने के लिए हमारा शासन-प्रशासन पूरी ताकत झोंके हुआ है। शुक्रवार का दिन कानपुर के लिए ब्लैक फ्राइडे रहा। हैलट अस्पताल के सामने गलत दिशा से लाव-लश्कर लेकर घुसे सपा विधायक इरफान सोलंकी की गाड़ी के दरवाजे से मेडिकल कालेज के छात्र की बाइक टकरा गई। महंगी गाड़ी से उतरे गनर ने बाइक पर मौजूद दोनों छात्रों को पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। इस बीच विधायक भी उतरे और एक छात्र का गला दबाना शुरू कर दिया जबकि दूसरा छूटकर कैंपस में भाग गया था। यहीं से घटना की शुरुआत हुई थी। अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या मेडिकल कालेज के छात्र ही अकेले दोषी हैं। गला दबाकर मारने की कोशिश में क्या विधायक पर हत्या के प्रयास का मुकदमा नहीं होना चाहिए? इसके बाद कैंपस में घुसकर छात्रों पर लाठियां भांजने वाले भी दोषी नहीं हैं। अगर नहीं तो फिर छात्रों को ही अपराधी क्यों बनाया गया जबकि झगड़े की शुरुआत गनर और विधायक की ओर से हुई।
कहां है बुजुर्ग झगड़े के बाद सपा विधायक का बयान था कि छात्र एक बुजुर्ग को पीट रहे थे और ऐसा करने से मना करने पर छात्रों ने उन पर हमला बोल दिया। अगर यह सच भी मान लिया जाये तो वादी की भूमिका बुजुर्ग की होनी चाहिए। बुजुर्ग कहां है। पुलिस के एक बड़े अफसर ने कहा कि बुजुर्ग की पच्ी लगातार संपर्क में है, तो फिर उसे खड़ा क्यों नहीं किया जा रहा?
किस डाक्टर ने लगाये खरोच पर टांके मुकदमा कायम कराने के लिए जो मेडिकल रिपोर्ट थाने में दाखिल की गई है उसमें सपा विधायक इरफान सोलंकी को सिर्फ खरोच दिखाई गई है ऐसे में खरोच पर टांके किस डाक्टर ने लगा दिये। तो क्या विधायक झूठ बोल रहे हैं? क्या पुलिस की विवेचक ने इसकी सच्चाई जानने की कोशिश की। पढ़ें: डाक्टरों से मारपीट पर आइएमए का यूपी सरकार को अल्टीमेटम मैंने जताई नाराजगी कैंपस में बिना अनुमति के घुसना और छात्रों के साथ प्राचार्य और प्रोफेसर के साथ मारपीट करने के मुद्दे पर डीएम ने कहा कि उन्होंने एसएसपी से नाराजगी जताई थी कि प्राचार्य से किसने मारपीट की। बावजूद इसके न तो छात्रों और न ही प्राचार्य की ओर से मुकदमा कायम कराया गया। डीएम कहती हैं कि कोई तहरीर दे तो विधायक पर मुकदमा कायम करेंगे जबकि प्राचार्य का दावा है कि वह तहरीर दे चुके हैं। पुलिस ने दिया नोटिस सपा विधायक से हुई मारपीट के मामले में पुलिस ने मेडिकल कालेज के तीन जूनियर डाक्टरों की पहचान का दावा किया है। एसपी पश्चिम ने प्राचार्य के माध्यम से तीनों को स्वरूपनगर सीओ के सामने पेश होने का नोटिस भेजा है। सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध मिलने वालों की पहचान कराई गई। एसपी पश्चिम के मुताबिक डा.सचिन अवस्थी, डा.संजय कुमार, डा. प्रशांत त्रिपाठी का नाम सामने आ रहा है।