उत्तराखंड की सियासी हलचल पर हिमाचल व मुंबई से रखी जा रही है नजर
कांग्रेस और कांग्रेस के बागी विधायक एक बार फिर अपनी-अपनी पनाहगाह मे डेरा जमाए हुए हैं। कांग्रेस विधायक हिमाचल मे अलग-अलग स्थानों पर तो कुछ उत्तराखंड में ही हैं
देहरादून, [विकास धूलिया]। उत्तराखंड में सियासी अस्थिरता के बाद राष्ट्रपति शासन और मामला न्यायालय तक पहुंच जाने के बाद कांग्रेस और कांग्रेस के बागी विधायक एक बार फिर अपनी-अपनी पनाहगाह मे डेरा जमाए हुए हैं। कांग्रेस विधायक हिमाचल मे अलग-अलग स्थानों पर तो कुछ उत्तराखंड में ही हैं, जबकि बागी गुट के ज्यादातर विधायक मुंबई और दिल्ली मे डेरा डाले हुए हैं। सभी के छह अप्रैल के बाद ही वापसी की संभावना है।
18 मार्च को प्रदेश की कांग्रेस सरकार मे नौ विधायको की बगावत के बाद सियासी घटनाक्रम कई पड़ाव तय कर चुका है, लेकिन कांग्रेस अपने किले मे एक बार सेंध लगने के बाद इसकी पुनरावृत्ति को कतई तैयार नहीं। राज्यपाल द्वारा तत्कालीन हरीश रावत सरकार को 28 मार्च को विधानसभा मे बहुमत साबित करने के निर्देश दिए गए तो कांग्रेस ने एक और टूट से बचने के लिए अपने विधायको के साथ ही प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायको को कुमाऊं मे रामनगर के नजदीक एक रिजार्ट मे ठहरा दिया। इनकी वापसी 27 मार्च को हुई तो इसी दिन प्रदेश मे विधानसभा निलंबित कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।
अब हालांकि इस राजनैतिक घटनाक्रम को लेकर नैनीताल हाइकोर्ट मे कई याचिकाएं दाखिल की गई है, जिन पर सुनवाई के लिए अलग-अलग तारीखे तय हैं, इसके बावजूद कांग्रेस किसी तरह का जोखिम लेने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि पार्टी ने एक बार फिर अपने विधायको को हिमाचल प्रदेश भेज दिया। हिमाचल मे कांग्रेस सरकार है और यह राज्य उलाराखंड से सटा हुआ भी है, लिहाजा इसे महफूज पनाहगाह मानते हुए अब कांग्रेस के अधिकांश विधायक पिछले दो दिनो मे अलग-अलग गुटो मे पहुंच चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक तीन महिला विधायको समेत लगभग डेढ़ दर्जन कांग्रेस व पीडीएफ के विधायक हिमाचल में सिरमौर जिले के नाहन के समीप जमटा मे एक रिजार्ट मे रुके हुए हैं। कसौली व शिमला मे भी कुछ कांग्रेस विधायक थे, लेकिन वे भी अब नाहन पहुंच चुके हैं। जिन कांग्रेस विधायको के पौड़ी जिले मे होने की सूचना थी, वे भी आज नाहन मे ही नजर आए। सूत्रों ने बताया इस रिजार्ट की सुरक्षा कड़ी रखी गई है और आइआरबी की बटालियन सुरक्षा के लिए तैनात की गई है। अलबत्ता निवर्तमान सरकार के अधिकांश मंत्री व कुछ वरिष्ठ विधायक उलाराखंड मे ही हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस को सर्वाधिक चिंता सतपाल महाराज के नजदीकी माने जाने वाले लगभग आधा दर्जन पार्टी विधायको की है। इनके अलावा पीडीएफ के विधायको को भी कांग्रेस अपने नजरिए से भाजपा के लिए साफ्ट टार्गेट मान रही है। लिहाजा, ऐसे सभी विधायको को कतई अकेले नही छोड़ा जा रहा है और निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत के नजदीकी पार्टी नेता और विधायक इन लोगो के इर्दगिर्द ही मौजूद हैं।
उधर, बागी कांग्रेस विधायको मे से पांच रविवार शाम को मुंबई में थे। इनमे डा. हरक सिंह रावत, शैलारानी रावत, प्रदीप बत्रा, उमेश शर्मा काऊ और सुबोध उनियाल शामिल हैं। डा. हरक सिंह रावत ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अन्य चार विधायक दिल्ली या फिर उत्तराखंड में अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि सभी विधायक छह अप्रैल के बाद ही देहरादून लौटेंगे।