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नरेंद्र मोदी ने चुकाया नीतीश से हिसाब

जिसकी उम्मीद थी, वही हुआ। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आखिरकार अपना हिसाब चुकता कर ही लिया। एतिहासिक गांधी मैदान में घंटे भर के भाषण में मोदी ने पानी पी-पीकर नीतीश को खरी-खोटी सुनाई। नाम तो नहीं लिया लेकिन मुख्यमंत्री मित्र कहकर उन्होंने

By Edited By: Updated: Mon, 28 Oct 2013 10:14 AM (IST)

पटना, जागरण न्यूज नेटवर्क। जिसकी उम्मीद थी, वही हुआ। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आखिरकार अपना हिसाब चुकता कर ही लिया। एतिहासिक गांधी मैदान में घंटे भर के भाषण में मोदी ने पानी पी-पीकर नीतीश को खरी-खोटी सुनाई। नाम तो नहीं लिया लेकिन मुख्यमंत्री मित्र कहकर उन्होंने नीतीश कुमार को अवसरवादी व विश्वासघाती तक कहा। बोले-'हिप्पोक्रेसी' की भी सीमा होती है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए शहजादा शब्द इस्तेमाल करने के बारे में मोदी ने कहा, कांग्रेस वंशवाद को खत्म करे-मैं उन्हें शहजादा बोलना बंद कर दूंगा। उन्होंने कांग्रेस मुक्त भारत के साथ-साथ जदयू सरकार को भी उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।

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कउनो परिवर्तन बिहार के बिना संभव नईखे

रविवार को बहुप्रतीक्षित हुंकार रैली में मोदी ने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में बोलकर की। कहा-'देश में कउनो परिवर्तन बिहार के माटी के बिना संभव नईखे।' नीतीश पर निशान उनकी मातृभाषा मगही में साधा- 'बिहार के लोग अवसरवादी न होव हई, कुछ अपवाद छोड़ के।' मैथिली में कहा-'अब तक बिहार के समस्या पर कोई ध्यान नय देलकैय।' गांधी मैदान में लाखों लोगों की मौजूदगी से अभिभूत नमो ने कहा, 'यह महारैली नहीं है भारत की महाशक्ति का अनुष्ठान है।'

जेपी को छोड़ा तो बीजेपी को क्यों नहीं छोड़ता

मोदी ने अपनी आदत के मुताबिक बिहार में भी जनता से संवाद किया। बिहार के समृद्ध इतिहास के हवाले यहां के लोगों को उनकी ताकत का एहसास कराया। उन्होंने कांग्रेस व जदयू से मुक्ति का वचन जनसमूह से लिया। संवाद वाले अंदाज में भीड़ से पूछा-'विश्वासघात करने वाले को सजा दोगे न?' भीड़ ने 'हां' कहा। फिर पूछा-'चुन-चुन कर साफ करोगे?' भीड़ ने कहा-'हां।' नीतीश पर जुबानी हमले के वक्त नमो के तेवर बेहद तल्ख रहे। उन्होंने कहा-अरे, जिसने जेपी को छोड़ दिया, वो बीजेपी को क्यों नहीं छोड़ता? राममनोहर लोहिया जीवन भर कांग्रेस के खिलाफ लड़ते रहे। और लोहिया के ये चेले (नीतीश) आज कांग्रेस से आंखमिचौली कर रहे हैं। चेलों ने समझा दिया कि कांग्रेस से मिल जाओ, प्रधानमंत्री बनने की गुंजाइश है, ..और ये प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने लगे। बिहार सरकार के मंत्री डॉ.भीम सिंह के शहीदों के अपमान संबंधी बयान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा-ऐसे लोग 'डूब मरो-डूब मरो।'

फिर की मुस्लिमों को साधने की कोशिश

मोदी ने मुस्लिमों को साधने की एक बार फिर कोशिश की। कहा, गुजरात में हज यात्रा के कोटे से करीब दस गुना ज्यादा लोगों के आवेदन आते हैं जबकि बिहार में सात हजार से कुछ ज्यादा के कोटे बराबर भी आवेदन नहीं आते। ऐसा इसलिए है क्योंकि बिहार का मुसलमान गरीब है। गुजरात के भरूच और कच्छ जिलों का उदाहरण देते हुए कहा कि मुस्लिम बहुल इन दोनों जिलों में सर्वाधिक विकास हुआ है। गुजरात में मुसलमान सबसे ज्यादा सुखी हैं। उन्होंने आह्वान किया कि मुसलमान विकास की राह पर चलकर गरीबी से निजात पाएं। झूठे प्रचार से भ्रमित न हों।

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