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मोदी की नेपाल को संयम बरतने की नसीहत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में नए संविधान के मसौदे को लेकर हुई हिंसा पर गहरा दुख व्यक्त किया। नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से इस संबंध में बातचीत के दौरान मोदी ने कहा, 'नेपाल को संयम बरतते हुए हिंसा से प्रभावित सीमावर्ती कस्बे में शांति बहाल करनी चाहिए। पड़ोसी

By Murari sharanEdited By: Updated: Tue, 25 Aug 2015 07:24 PM (IST)
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काठमांडू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में नए संविधान के मसौदे को लेकर हुई हिंसा पर गहरा दुख व्यक्त किया। नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से इस संबंध में बातचीत के दौरान मोदी ने कहा, 'नेपाल को संयम बरतते हुए हिंसा से प्रभावित सीमावर्ती कस्बे में शांति बहाल करनी चाहिए। पड़ोसी देश होने के नाते सुरक्षा के लिए भारत नेपाल की सुरक्षा के लिए सब कुछ करेगा।' इस बीच, उत्तर प्रदेश से लगी भारत-नेपाल सीमा को भी सुरक्षा कारणों से सील कर दिया गया है।

भारत के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि नेपाल के सीमावर्ती जिले कैलाली में हुई हिंसा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यह चिंता नेपाली प्रधानमंत्री कोइराला से फोन पर हुई बातचीत के दौरान व्यक्त की। मोदी ने नेपाल सरकार, पड़ोसी मुल्क के सभी राजनीतिक दलों और नेपाली जनता से अपील की कि वह हिंसा छोड़कर सामाजिक सौहार्द का मार्ग अपनाएं। उन्होंने कहा कि किसी समाधान तक पहुंचने के लिए इच्छा शक्ति दिखाने की जरूरत है।

हिंसक प्रदर्शन में नौ लोग मरे थे :

भारत नेपाल का सबसे बड़ा मददगार देश है। वह नेपाल के सबसे बड़े व्यापारिक साझीदार होने के साथ ही ईंधन समेत सभी आवश्यक जिंसों का आपूर्तिकर्ता देश है। नेपाली जिले कैलाली में सोमवार को हिंसा भड़कने से 18 माह के बच्चे और सात पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई थी। प्रदर्शनकारियों के बंधक बने एक अधिकारी को जिंदा जला दिया गया था। इस हिंसा में कुल नौ लोग मारे गए थे।

कैलाली में सेना का फ्लैग मार्च :

हिंसा के बाद मंगलवार को प्रशासन ने कैलाली जिले में कफ्र्यू लगा दिया। यहां पर हिंसक प्रदर्शनों को रोकने के लिए नेपाल की सेना ने इलाके में फ्लैग मार्च किया। कैलाली जिले के टीकापुर में हिंसा के बाद मंगलवार को शांति रही लेकिन तनावपूर्ण माहौल भी रहा। नेपाली सेना के प्रवक्ता जगदीश चंद्र पोखरियाल ने बताया कि कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए नगर प्रशासन के पास पर्याप्त मात्रा में सैन्य बल भेजा गया है।

इसलिए हुआ विवाद :

प्रदर्शनकारी मुख्यत: नेपाल की थारू जनजाति के हैं। वह एक पर्वतीय प्रांत में अपने इलाके को शामिल किए जाने का विरोध कर रहे हैं। नेपाल के संघीय ढांचे में क्षेत्रीय उलटफेर के इस माह के अंत तक अंतिम रूप लेने की उम्मीद है।