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मोदी ने खींचा देश के विकास का खाका

संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण की पूर्वसंध्या पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के नीतिगत रोडमैप का खाका खींच दिया। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कार्यसंस्कृति और नीतिगत बदलाव के स्पष्ट संकेत देते हुए संभावित उपायों का जिक्र किया। विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रध्वज के रंगों के आधार पर दूसरी हरित क्रांति, श्वेत, नीली एवं केसरिया क्रांति लाने समेत दस सूत्रीय महत्वाकांक्षी विजन भी पेश कर दिया।

By Edited By: Updated: Mon, 09 Jun 2014 06:52 AM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण की पूर्वसंध्या पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के नीतिगत रोडमैप का खाका खींच दिया। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कार्यसंस्कृति और नीतिगत बदलाव के स्पष्ट संकेत देते हुए संभावित उपायों का जिक्र किया। विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रध्वज के रंगों के आधार पर दूसरी हरित क्रांति, श्वेत, नीली एवं केसरिया क्रांति लाने समेत दस सूत्रीय महत्वाकांक्षी विजन भी पेश कर दिया।

प्रधानमंत्री निवास 7 रेसकोर्स रोड पर अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में थोड़ा वक्त जरूर लगेगा लेकिन यह काम मुश्किल नहीं है। जाहिर है कि चुनाव से पहले विकास और आशावाद का जो ध्वज मोदी ने थामा था, उसे सरकार में आने के बाद और प्रखरता से फहराने के लिए वह आगे बढ़ते जा रहे हैं। पीएम ने राष्ट्रध्वज के रंगों के आधार पर अर्थव्यवस्था के चार प्रमुख क्षेत्रों में क्रांति लाने की बात कही। उन्होंने कहा, तिरंगे में हरा रंग होता है। इसलिए कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने के लिए देश को दूसरी हरित क्रांति की जरूरत है। सफेद रंग के अनुरूप देश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए श्वेत क्रांति होनी चाहिए। चक्र के रंग पर नीली क्रांति शुरू कर मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देना होगा। देश में ऊर्जा संकट का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, तिरंगे में ऊर्जा के प्रतीक केसरिया रंग के आधार पर एक केसरिया क्रांति शुरू की जानी चाहिए। इस केसरिया क्रांति का मकसद ऊर्जा के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना होगा।

वरिष्ठ अर्थशास्त्री विवेक देबरॉय की पुस्तक 'गेटिंग इंडिया बैक टू ट्रैक' के विमोचन के मौके पर मोदी ने शहरी और ग्रामीण विकास के संबंध में भी अपना विजन रखा। उन्होंने 100 नए स्मार्ट शहर बसाने व गांवों के समन्वित विकास के साथ देश की 65 फीसद युवा आबादी को हुनरमंद बनाने और अच्छे शिक्षक तैयार करने पर जोर दिया।

पीएम के दस मंत्र

1. दूसरी हरित क्रांति लाने और दलहन उत्पादन बढ़ाने की जरूरत

2. दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए श्वेत क्रांति की जरूरत

3. ऊर्जा संकट से निपटने के लिए ऊर्जा क्रांति के जरिये बढ़ाना होगा बिजली उत्पादन, सौर ऊर्जा हमारे लिए उपहार

4. नीली क्रांति के जरिये मत्स्य उत्पादन बढ़ाने पर जोर

5. चीन से प्रतिस्पर्धा के लिए स्किल, स्केल और स्पीड की जरूरत

6. देश को चाहिए 100 स्मार्ट शहर

7. एक्सप्रेस ट्रेन नहीं बुलेट ट्रेन के बारे में सोचने की जरूरत

8. विश्वस्तरीय कौशल प्रशिक्षण पर बल

9. देश को तैयार करने होंगे अच्छे शिक्षक

10. जल संचय पर जोर, पर्यावरण को पश्चिम की दृष्टि से नहीं भारतीय दृष्टि से देखने की जरूरत