राजग के दो सालः अधिकतर पैमानों पर सही पटरी पर मोदी सरकार- सर्वे
सर्वे में जनता की तरफ से मिली प्रतिक्रिया में अधिकतर क्षेत्रों में मोदी सरकार को बहुत अच्छे नंबर मिले। कुछ क्षेत्रों में जनता अभी अपेक्षा से कम संतुष्ट है।
By Atul GuptaEdited By: Updated: Wed, 25 May 2016 10:57 AM (IST)
नई दिल्ली, प्रशांत मिश्र। सोलह मई 2014 को देश के लोकतांत्रिक इतिहास में उस समय एक बड़ी राजनीतिक घटना तब घटी थी जब लगभग तीन दशक बाद कोई राजनीतिक दल बहुमत के जादुई आंकड़े को पार कर केंद्र की सत्ता में आया था। जाहिर सी बात है ऐसा तभी होता है जब जनता बहुत अधिक हताश हो और लंबे अरसे बाद जनता के मन में कोई उम्मीद की किरण दिखाई दे। शायद भाजपा के पीएम पद के प्रत्याशी नरेंद्र दामोदरदास मोदी के रूप में जनता को हताशा से निकालकर विकास के रास्ते पर ले जाने वाले नायक का चेहरा नजर आ रहा था।
जनआकांक्षाएं अपने चरम पर थीं और उनका प्रस्फुटन भी वोट के माध्यम से जबर्दस्त हुआ। जनता बड़ा बदलाव देखना चाहती थी। 26 मई को नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्र्रहण के बाद जब कामकाज संभाला तो उन्होंने जनआकांक्षाओं को भांपते हुए यह संकेत पहले ही दिन दे दिया था कि उन्हें कुछ वक्त तो सिस्टम की साफ-सफाई में लगेगा ही। लेकिन जब अब दो साल हो गये हैैं तो लाजिमी है कि जनता सवाल भी पूछेगी और उनकी सरकार के कामकाज का आकलन भी होगा। 'दैनिक जागरण' ने पांच दिनों तक सरकार के प्रमुख लक्ष्यों को केंद्र में रखकर 'बदलाव के 2 साल' शीर्षक से विस्तृत आकलन पेश किया। लेकिन कोई भी आकलन तब तक पूरा नहीं होता जब तक जनता की उसमें सीधी और खुली भागीदारी न हो। इस भागीदारी से ही जनता यह बताती है कि किस-किस क्षेत्र में उसकी कितनी आकांक्षाएं पूरी हुईं और किस सेक्टर में अभी कितने कदम चलना बाकी है। 'दैनिक जागरण' ने सरकार को जनता की आकांक्षाओं के मापदंड पर परखने की कोशिश की है। प्रतिष्ठित सर्वे एजेंसी 'हंसा' के माध्यम से जनता से सीधे सवाल पूछे गए। 16 से 21 मई, 2016 के बीच हुए इस सर्वे में अलग अलग सेक्टर में उसकी राय जानने की कोशिश की गई। सर्वे का सैैंपल साइज 5,034 था। इसमें सभी आयु वर्ग व महिला पुरुषों दोनों को ही केंद्र में रख कर सवाल पूछे गए।
यह सर्वे देश के चारों कोनों के 16 छोटे-बड़े राज्यों में हुआ, जिसमें गांवों, कस्बों, शहरों से ले कर महानगरों तक को शामिल किया गया। 'दैनिक जागरण' भले ही देश का सबसे बड़ा समाचार पत्र हो और केवल हिंदी में प्रकाशित होता हो, लेकिन सवाल पूरे देश में हिंदी और गैर हिंदी भाषी जनता दोनों से ही किए गए। सर्वे में जनता की तरफ से मिली प्रतिक्रिया में अधिकतर क्षेत्रों में मोदी सरकार को बहुच् अच्छे नंबर मिले। कुछ क्षेत्रों में जनता अभी अपेक्षा से कम संतुष्ट है। कुछ क्षेत्र तो ऐसे हैैं जिनमें जनता असंतुष्ट भी है। देश के अल्पसंख्यक समुदाय के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विभिन्न राजनैतिक दलों ने एक हौवा खड़ा किया था। लेकिन सर्वे के नतीजे बेहद चौंकाने वाले आए हैैं। बड़ी संख्या में देश के पुरुषों व खासकर पूर्वी भारत के लोगों ने माना है कि मोदी सरकार अल्पसंख्यकों के हितों के बारे में सकारात्मक ढंग से सोच रही है।
सर्वे के नतीजों में कुछ रोचक तथ्य भी उभर कर सामने आए हैैं। मसलन, एक ऐसा राज्य जहां एक साल पहले ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को मुंह की खानी पड़ी थी वहां की जनता ने जातिवाद और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कई क्षेत्रों में केंद्र सरकार के कामकाज को सराहा है। ऐसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों पर सोशल मीडिया व राजनैतिक हलकों में नकारात्मक जनधारणा के बावजूद यह माना गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस सरकार का कामकाज बहुच् अच्छा रहा है और देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा भी हासिल हुई। देश में महिलाओं के लिए मोदी सरकार के उठाए गए कदमों के बारे में सर्वे में कुछ रोचक तथ्य उभरकर सामने आए हैैं। बड़ी संख्या में महिलाएं ही नहीं पुरुष भी यह मानते हैैं कि महिलाओं को पुरुषों के साथ कदमताल मिलाकर चलने के लिए मोदी सरकार ने काफी ठोस कदम उठाए हैैं। सर्वे में वो छोटे-बड़े राज्य भी शामिल हैैं जहां लोकसभा चुनाव में भाजपा ने विपक्ष को धूल चटा दी थी, और वे राज्य भी हैैं जहां एनडीए को अपेक्षा के मुताबिक सीटें नहीं मिली थीं। साथ ही वे राज्य भी सर्वे में शामिल हुए हैैं जिन्हें भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से अपने लिए अहम मान रही है। 'दैनिक जागरण' ने सर्वे के लिए कुल 15 सेक्टर तय किए गए थे और इनमें कुछ ऐसे बड़े मुद्दे भी थे मसलन, भ्रष्टाचार, काला धन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रक्षा, अल्पसंख्यक विकास, गरीबी उन्मूलन। साथ ही विकास, आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक समरसता जैसे रूखे विषयों पर भी जनता की राय जानी गई है। कुछ मसलों में जनता ने खुल कर संतुष्टि जताई तो कुछ में जनता ने सरकार को केवल पास होने लायक नंबर दिए। साथ ही कुछ में जनता की प्रतिक्रिया नकारात्मक भी रही। जो आंकड़े सामने आए हैैं उनमें सरकार को लेकर क्षेत्रवार जनता की सोच की भी झलक दिखती है। सर्वे का परिणाम बृहस्पतिवार यानी 26 मई के अंक में विस्तार से प्रकाशित होगा।पढ़ें- मोदी सरकार के 2 साल पूरे होने पर दौड़ेगी दिल्ली, बनेगा 731 किलो का लड्डू