Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

मोदी का पीएम को जवाब, कहा-पैसे खेत में भी उगते हैं

देश की आर्थिक बदहाली के लिए संप्रग सरकार पर हमला करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र की नेतृत्वहीनता और नीतिगत पंगुता ने ही अर्थव्यवस्था बिगाड़ी है। एक अवॉर्ड समारोह के दौरान मोदी ने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार के कारण ही मध्यवर्गीय परिवारों का भरोसा शेयर बाजार से उठ गया ह

By Edited By: Updated: Thu, 25 Jul 2013 10:29 AM (IST)
Hero Image

अहमदाबाद। देश की आर्थिक बदहाली के लिए संप्रग सरकार पर हमला करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र की नेतृत्वहीनता और नीतिगत पंगुता ने ही अर्थव्यवस्था बिगाड़ी है। एक अवॉर्ड समारोह के दौरान मोदी ने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार के कारण ही मध्यवर्गीय परिवारों का भरोसा शेयर बाजार से उठ गया है। रुपये और केंद्र में गिरने की होड़ मची है। महंगाई के चलते लोग बचत नहंी कर पा रहे हैं। सरकार का राजकोषीय घाटा बढ़ता जा रहा है और सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रही है।

पढ़ें: मोदी करते हैं आवेदन तो अमेरिकी वीजा देने पर विचार

मोदी ने संप्रग सरकार को जल्द चुनाव के लिए ललकारते हुए कहा कि जो सरकार विभिन्न मोर्चो पर फैसले नहीं ले पाती हो, वह इसका निर्णय कैसे ले सकती है। उन्होंने कहा, 'देश में जल्द चुनाव को लेकर बहस चल रही है। किसी ने मुझसे भी इस बारे में पूछा था, जिस पर मैने कहा कि इस सरकार ने पिछले नौ साल में कोई बड़ा फैसला नहीं लिया। फिर कैसे यह सरकार जल्द चुनाव का फैसला ले सकती है।' गुजरात के सीएम ने कहा कि देश में कोयले के बड़े भंडार और संयंत्र होने के बावजूद बिजली की समस्या बरकरार है। किसानों को भी पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है।

पढ़ें: आंकड़ों के खेल में काफी पीछे हैं मोदी

पिछले साल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते। इस बयान पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, 'गुजरात में हमारा मानना है कि पैसे खेतों, कारखानों और मजदूरों की मेहनत से उगता है। बस सही नेतृत्व की जरूरत है।' वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा सोने में निवेश न करने की सलाह पर उन्होंने कहा कि अब मध्यवर्गीय परिवारों के लिए शेयर बाजार सुरक्षित निवेश विकल्प नहंी रह गया है। लिहाजा, वे सोने में निवेश को मजबूर हैं, लेकिन महंगाई के कारण इस वर्ग के पास इतनी बचत ही नहीं रह जाती कि वह कहीं निवेश के बारे में सोच भी सके। भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की शानदार मौजूदगी पर मोदी ने कहा कि उनके निवेश निकाल लेने पर बाजार के ढह जाने का डर हमेशा बना रहता है। इसका मतलब यह नहीं कि कोई रास्ता नहंी बचा है। मैं बहुत ही आशावादी व्यक्ति हूं। हम कोई न कोई समाधान ढूंढ़ सकते हैं।

मोदी ने कहा कि देश में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का बड़ी तादाद में आयात किया जा रहा है, जबकि इनमें से ज्यादातर हम खुद बना सकते हैं। उन्होंने गिरते हुए रुपये पर कहा कि जिस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश की कमान संभाली उस समय एक डॉलर की कीमत 42 रुपये थी। जब उन्होंने सत्ता छोड़ी उस समय डॉलर की कीमत 44 रुपये ही पहुंची थी, लेकिन एक अर्थशास्त्री पीएम होने के बाद भी संप्रग के नौ साल में डॉलर 60 रुपये पहुंच गया। देश में कम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर उन्होंने कहा कि निवेशकों का भरोसा चुक गया है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर