मोदी ने पूरे करने शुरू किए कौशल विकास के वादे
युवाओं में कौशल विकास की बात अब नारों और वादों से निकलकर जमीनी स्तर पर उतर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए ना सिर्फ शुरुआत से ही दस हजार करोड़ रुपये की बड़ी रकम उपलब्ध करा दी है, बल्कि अब अलग से मंत्रालय बनाकर वादा पूरा करना भी
By manoj yadavEdited By: Updated: Wed, 12 Nov 2014 07:50 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। युवाओं में कौशल विकास की बात अब नारों और वादों से निकलकर जमीनी स्तर पर उतर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए ना सिर्फ शुरुआत से ही दस हजार करोड़ रुपये की बड़ी रकम उपलब्ध करा दी है, बल्कि अब अलग से मंत्रालय बनाकर वादा पूरा करना भी सुनिश्चित कर दिया है। यह विषय मोदी की प्राथमिकता में शामिल है। इस वजह नए मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी को दूसरे मंत्रालयों से सहयोग मिलने में समस्या आने की आशंका नहीं रहेगी।
इस मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि रूड़ी ने पद संभालते ही यह निर्देश दे दिया है कि कौशल विकास को लेकर समयबद्ध कार्यक्रम तैयार किया जाए। साफ तौर पर यह तय किया जाए कि कितने समय में क्या लक्ष्य हासिल किया जाना है। केंद्र सरकार की कौशल विकास नीति में पहले से यह लक्ष्य तय है कि वर्ष 2022 तक देश में 50 करोड़ लोगों को व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध कराने की क्षमता विकसित कर ली जाएगी। रूड़ी ने इस दीर्घकालिक लक्ष्य के साथ ही अल्पकालिक लक्ष्य भी तय करने को कहा है। रूड़ी ने मंगलवार को पद संभालने के साथ ही बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है। उन्होंने न सिर्फ मंत्रालय के सभी वरिष्ठ अधिकारियों बल्कि राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम दोनों के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक की है। मोदी सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार में शामिल किए गए रूड़ी को राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार देकर इस मंत्रालय का पहला मंत्री बनाया गया है। कौशल विकास के एजेंडे पर उन्हें एक साथ दर्जन भर मंत्रालयों का साथ चाहिए होगा। इनमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय जैसे कई भारी-भरकम मंत्रालय भी हैं। पार्टी महासचिव और प्रवक्ता रह चुके रूड़ी राजग की पिछली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। प्रधानमंत्री ने लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अपने पहले संबोधन में कौशल विकास पर गंभीरता से काम करने का वादा किया था। उनके 'मेक इन इंडिया' नारे को साकार करने में भी इसकी अहम भूमिका होगी।