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मोदी समर्थकों का आडवाणी के आवास पर प्रदर्शन

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग को लेकर हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के दिल्ली स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन किया। बिना कार्यक्रम के प्रदर्शन करने पहुंचे इन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया लेकिन आधा घंटे बाद छोड़ दिया। प्रदर्शनकारी आडवाणी से मांग कर रहे थे कि मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने में वह रुकावट न बनें। आगे बढ़कर मोदी को यह जिम्मेदारी दें।

By Edited By: Updated: Sun, 09 Jun 2013 06:19 AM (IST)
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नई दिल्ली, [जागरण संवाददाता]। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग को लेकर हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के दिल्ली स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन किया। बिना कार्यक्रम के प्रदर्शन करने पहुंचे इन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया लेकिन आधा घंटे बाद छोड़ दिया। प्रदर्शनकारी आडवाणी से मांग कर रहे थे कि मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने में वह रुकावट न बनें। आगे बढ़कर मोदी को यह जिम्मेदारी दें।

इस प्रदर्शन में शामिल लोग भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से भी नरेंद्र मोदी को कमान तथा आडवाणी को सम्मान देने की मांग कर रहे थे। हिंदू सेना के ये कार्यकर्ता बैनर व नारे लिखी तख्तियां लेकर दोपहर करीब एक बजे अचानक पृथ्वीराज रोड स्थित आडवाणी के आवास पर पहुंचे और उन्होंने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। वे मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की मांग कर रहे थे। साथ ही मांग कर रहे थे कि आडवाणी मोदी को बड़ी भूमिका दिए जाने का विरोध छोड़ें। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा कि आज देश को विकासोन्मुखी दिशा व स्थाई सरकार की जरूरत है, जो सिर्फ नरेंद्र मोदी ही दे सकते हैं।

गौरतलब है कि गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है। जिससे आडवाणी अनुपस्थित हैं। पार्टी की ओर से इसके लिए उनकी अस्वस्थता को कारण बताया जा रहा है लेकिन वास्तव में लोग इसके पीछे आडवाणी का मोदी विरोध मान रहे हैं। कहा जा रहा है कि मोदी को चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाए जाने की संभावना के विरोध में आडवाणी गोवा नहीं गए हैं।

भाजपा ने की निंदा

पणजी। भाजपा ने शनिवार को अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के दिल्ली स्थित आवास के समक्ष कथित मोदी समर्थकों के प्रदर्शन की निंदा की। शिव सेना ने भी इसकी निंदा करते हुए कहा कि भाजपा समेत सभी पार्टियों को इस प्रदर्शन की निंदा करनी चाहिए। वहीं कांग्रेस ने भाजपा पर यह कहते हुए हमला बोला है कि आडवाणी के आवास के समक्ष जिस तरह की असभ्यता का प्रदर्शन देखा गया वह देश के लिए एक चेतावनी है।

बताया जाता है कि आडवाणी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को महत्वपूर्ण भूमिका देने का विरोध किया है। इसी के विरोध में यह प्रदर्शन हुआ है। भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'इन प्रदर्शनकारियों का भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है। आडवाणी पार्टी के वरिष्ठतम नेता हैं।'

बाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा की एक अन्य प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि पार्टी आडवाणी के घर के बाहर प्रदर्शनों की निंदा करती है। अपने नेता के घर के सामने भाजपा कोई प्रदर्शन नहीं कर रही। सीतारमण ने कहा कि भाजपा आडवाणी के आवास के सामने के प्रदर्शनकारियों से खुद को पूरी तरह अलग करती है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी भाजपा के नहीं हैं।

शिव सेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने आडवाणी को देश का सबसे बड़ा नेता बताया और कहा है कि वह सिद्धांतों की राजनीति करते हैं। साथ ही कहा कि उनके घर के सामने प्रदर्शन की निंदा की जानी चाहिए। इस प्रदर्शन पर कांग्रेस की प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि आज जो आडवाणी के आवास के सामने हो रहा है उससे हम सभी को डरना चाहिए। वह व्यक्ति जो उस राजनीतिक दल का एक तरह से शिल्पकार है अब उसे इस तरह के असभ्य व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है तो देश इसे खुद को चेतावनी के रूप में मान रहा है कि उसके साथ क्या होने वाला है। यह हम लोगों को भयभीत कर देने वाली स्थिति है।

85 वर्षीय आडवाणी ने यहां भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से खुद को दूर रखना पसंद किया है। माना जा रहा है कि उन्होंने मोदी को 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार कमेटी का प्रमुख बनाने का विरोध जताने के लिए ऐसा किया है।

ट्विटर पर भी आडवाणी को समर्थन नहीं

भाजपा की काम बांटो योजना: 2013 में मोदी गोवा में सक्रिय, आडवाणी का दिल्ली में आराम। 2014 में मोदी दिल्ली में सक्रिय, आडवाणी का गोवा में आराम। -रमेश वत्स

आडवाणी भाजपा में उसी विभाजनकारी नीति को बढ़ावा दे रहे हैं जिसके चलते मुगलों और अंग्रेजों ने भारत पर चार सौ सालों तक राज किया। -मिन्हाज मर्चेट

समस्या केवल यह नहीं है कि आडवाणी भाजपा में अकेले पड़ गए हैं, बल्कि यह है कि कोई जनाधार वाला नेता खुलकर उनका साथ देने को तैयार नहीं। -मनीष कुमार

आश्चर्य है कि अरुण जेटली और अनुराग ठाकुर ने आडवाणी जी को यह क्यों नहीं सुझाया कि वह गोवा बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये शामिल हो सकते हैं। -गौरव काला

आडवाणी जी, आमतौर पर लोग गोवा जाने के लिए बीमारी के नाम पर छुंट्टी लेते हैं, न कि वहां जाने से बचने के लिए। -अक्षय सेठी

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