अटल की सड़क पर मोदी की बुलेट ट्रेन
नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। अभी तक 'समृद्ध भारत-शक्तिशाली भारत' का सपना दिखा रहे नरेंद्र मोदी ने इसे साकार करने का रोडमैप भी पेश कर दिया है। तेजी से उभरते मध्यम वर्ग और युवाओं की आकांक्षाओं को साधते हुए उन्होंने अपनी आर्थिक नीति की जो झलकी पेश की है, उसमें इंफ्रास्ट्रक्चर केंद्र में है। समाज के बड़े तबके को बेहतर जीवनस्तर और रो
नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। अभी तक 'समृद्ध भारत-शक्तिशाली भारत' का सपना दिखा रहे नरेंद्र मोदी ने इसे साकार करने का रोडमैप भी पेश कर दिया है। तेजी से उभरते मध्यम वर्ग और युवाओं की आकांक्षाओं को साधते हुए उन्होंने अपनी आर्थिक नीति की जो झलकी पेश की है, उसमें इंफ्रास्ट्रक्चर केंद्र में है। समाज के बड़े तबके को बेहतर जीवनस्तर और रोजगार देने के लिए नमो ने अटल की सड़क योजना के 'ट्रैक रिकॉर्ड' की तर्ज पर बुलेट ट्रेन, सौ स्मार्ट सिटी और हर राज्य में एक एम्स व एक आइआइटी का सपना दिखाया है। इन सपनों को पूरा करने के लिए शुरुआत में करीब दस लाख करोड़ रुपये चाहिए।
राजग के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना को आगे बढ़ाते हुए मोदी ने देश के चारों महानगरों को बुलेट ट्रेन से जोड़ने का वादा किया है। अभी देश में अहमदाबाद-पुणे-मुंबई मार्ग पर बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है। लगभग 500 किमी लंबी इस लाइन के निर्माण पर 60,000 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है। इस हिसाब से दिल्ली-कोलकाता-चेन्नई-मुंबई-दिल्ली नेटवर्क (कुल लंबाई : 5477 किमी) पर बुलेट ट्रेन चलाने के लिए 5,48,000 करोड़ रुपये का इंतजाम करना होगा। मोदी ने देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक इस परियोजना को पूरा करने की बात कही है। यानी अगले 7-8 वर्ष में साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये का इंतजाम करना होगा। चीन ने इसे संभव कर दिखाया है। मोदी ने देश में बढ़ते शहरीकरण से उपजी समस्या से निपटने के लिए सौ स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही है। अभी दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर पांच नए स्मार्ट सिटी बनाने की योजना है। इसमें एक सिटी गुजरात के ढोलेरा में बनाई जा रही है, जिसकी लागत ब्रिटिश कंपनी हेलक्रो ने निकाली है। हेलक्रो के मुताबिक पांच लाख लोगों की आबादी की एक स्मार्ट सिटी बनाने पर शुरुआत में 38,000 करोड़ रुपये की लागत आती है। इस हिसाब से मोदी को 3,80,000 करोड़ रुपये का इंतजाम करना होगा। यह सिर्फ शुरुआती लागत है। प्रसिद्ध कंपनी मैकेंजी वर्ष 2030 तक भारत में 25 नए शहर और इस पर 1200 अरब डॉलर की जरुरत बता चुकी है। इस हिसाब से तो 100 शहरों के लिए 20 वर्ष में 4800 अरब डॉलर यानी 2,97,600 अरब रुपये की दरकार होगी।