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नमो 'मंत्र' से ही तय होगी चुनावी रणनीति

रोहिणी के जापानी पार्क में नरेंद्र मोदी (नमो) की रैली के बाद प्रदेश भाजपा यह तय करेगी कि उसे अभी कितनी और तैयारी करनी है। प्रदेश भाजपा इस रैली को विधानसभा चुनाव के लिए प्रवेश परीक्षा के तौर पर देख रही है। पार्टी ने रैली की तैयार

By Edited By: Updated: Sun, 29 Sep 2013 08:06 AM (IST)
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राजू सजवान, नई दिल्ली। रोहिणी के जापानी पार्क में नरेंद्र मोदी (नमो) की रैली के बाद प्रदेश भाजपा यह तय करेगी कि उसे अभी कितनी और तैयारी करनी है। प्रदेश भाजपा इस रैली को विधानसभा चुनाव के लिए प्रवेश परीक्षा के तौर पर देख रही है। पार्टी ने रैली की तैयारी भी इसी अंदाज में की है। रविवार को हो रही इस रैली में पार्टी के स्टार नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली को यह कह कर शामिल नहीं किया गया है कि ये नेता बाद में चुनावी रैली करेंगे। यानी पहली रैली में सिर्फ नरेंद्र मोदी होंगे और मोदी को सुनने वाले। मोदी के अलावा दिल्ली के प्रभारी नितिन गडकरी, प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल व दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार मल्होत्रा भी रैली को संबोधित करेंगे लेकिन मोदी और उनके भाषण को ही प्रमुखता दी जाएगी।

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पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोदी की रैली की सफलता तय करेगी कि विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी को कितनी और तैयारी किस मोर्चे पर करनी है। भाजपा के रणनीतिकार इस रैली पर बारीकी से नजर रखेंगे। पार्टी खासकर युवाओं और अल्पसंख्यकों पर नजर रखेगी कि रैली में उनकी शिरकत होती है या नहीं। यदि रैली में युवाओं की अच्छी खासी भूमिका रहती है तो उन्हें पार्टी से जोड़ने की कोशिश तेज की जाएगी।

अल्पसंख्यकों की बात है तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल खुद कह रहे हैं कि इस बार पार्टी लाइन से ऊपर उठकर हर वर्ग व दल को रैली में शामिल होने का न्यौता दिया गया है। इसका मकसद यह है कि लगभग डेढ़ दर्जन सीटों पर अहम भूमिका अदा करने वाले मुस्लिम मतदाताओं की पार्टी अनदेखी नहीं करना चाहती।

तरक्की पसंद दिल्ली वालों को लुभाने के लिए भाजपा ने रैली को 'विकास रैली' का नाम दिया है। पिछले दो चुनाव में कांग्रेस ने विकास को मुद्दा बनाया था और भाजपा ने कांग्रेस के शासनकाल को। अब भाजपा ने विकास को मुद्दा बनाते हुए दावा किया कि मोदी गुजरात में किए गए विकास का मंत्र दिल्ली वालों को बताएंगे। ऐसा करके पार्टी ने मध्य वर्ग को लुभाने का कार्ड खेला है। पार्टी नेता इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि रैली में काफी संख्या में लोग आएंगे। लेकिन, उन्हें वोट में कैसे तब्दील किया जाए, पाटी नेता इस मशक्कत में जुटेंगे।

रैली के बाद भाजपा तय करेगी कि कितनी और तैयारी करनी है।

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