मेरा काम बोलना नहीं, मुझे डांट पड़ेगी : मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बौद्धिक कार्यक्रम में आज यहां पहुंचे संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत पत्रकारों के सवालों से बचते रहे। शहीद भगत सिंह से संबंधित सवाल पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि शहीद भगत सिंह के आदर्शो का सबको अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने हंसते हुए कहा कि मेरा
By Sudhir JhaEdited By: Updated: Mon, 28 Sep 2015 08:28 PM (IST)
रूपनगर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बौद्धिक कार्यक्रम में आज यहां पहुंचे संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत पत्रकारों के सवालों से बचते रहे। शहीद भगत सिंह से संबंधित सवाल पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि शहीद भगत सिंह के आदर्शो का सबको अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने हंसते हुए कहा कि मेरा काम बोलने का नहीं है, मुझे डांट पड़ेगी।
पढ़ेंः आरक्षण पर चर्चा करना बुरी बात नहींः भागवत इससे पहले लहरी शाह मंदिर में बौद्धिक कार्यक्रम में करीब पांच सौ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संघ से अगर कोई जुड़ना चाहता है तो जुड़ सकता है, लेकिन यहां कुछ नहीं मिलेगा, बल्कि देना सब कुछ है। संघ सिर्फ एक ही चीज देता है और वह है हिम्मत। इसका प्रयोग देश की भलाई के लिए करना है। उन्होंने कहा कि हमारा देश कोई जमीन का टुकड़ा नहीं है, जिसे दान देकर, ठेके पर दिया जा सके और इसे कोई भी हथिया ले। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे फोटोग्राफ व आटोग्राफ से दूर रहें। काम करने वाले को इसकी जरूरत नहीं है। जो देशहित के लिए काम करता है वह कम ही बोलता है। मुझे आदरणीय न कहें, क्योंकि मैं भी आपके जैसा ही हूं। पढ़ेंः भारत को होना चाहिए जनमुक्ति देशः भागवत