बेहतर रेल के लिए ढीली करनी पड़ सकती है जेब
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेल परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के लिए प्रशासनिक और प्रक्रियागत अड़चनों को दूर करने का काम तेज कर दिया है। इस कड़ी में जहां उन्होंने रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन और सदस्यों की तुरत-फुरत तैनाती कर दी है, वहीं विभिन्न समितियों की रिपोर्टो पर चर्चा
नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेल परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के लिए प्रशासनिक और प्रक्रियागत अड़चनों को दूर करने का काम तेज कर दिया है। इस कड़ी में जहां उन्होंने रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन और सदस्यों की तुरत-फुरत तैनाती कर दी है, वहीं विभिन्न समितियों की रिपोर्टो पर चर्चा शुरू कर दी है। श्रीधरन समिति, बिबेक देबराय समिति के बाद मंगलवार को डीके मित्तल समिति ने भी अपनी रिपोर्ट रेलमंत्री को सौंप दी। इसमें रेलवे की माली हालत सुधारने व निजी निवेश आकर्षित करने को उपनगरीय ट्रेनों के किरायों में प्रत्यक्ष तथा पैसेंजर व मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के किरायों में परोक्ष बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है।
समिति के अनुसार उपनगरीय ट्रेनों के किराये लागत के मुकाबले बहुत कम हैं। लिहाजा इनमें सीधी बढ़ोतरी की जानी चाहिए। इससे लोकल ट्रेनों का आधुनिकीकरण व विस्तार कर यात्रियों को नए जमाने के अनुसार मेट्रो रेल जैसी बेहतर सेवाएं दी जा सकती हैं। दूसरी ओर समिति ने मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के किराये सीधे बढ़ाने के बजाय परोक्ष रूप से बढ़ाने को कहा है। इसके लिए समिति ने इन ट्रेनों में टिकट की न्यूनतम दूरी बढ़ाने का सुझाव दिया है।