जानें, गोवा के 'बीच' संकट के लिए कौन है जिम्मेदार
गोवा की 105 किमी लंबी तटरेखा का 24 फीसद हिस्सा बुरी तरह से मृदा क्षरण का शिकार हो चुका है।
नई दिल्ली(जेएनएन)। गोवा का जिक्र आते ही जेहन में वहां के बीच आने लगते हैं। गोवा की खूबसूरती में वहां के बीच चार चांद लगाते हैं। लेकिन वो बीच अब मृदा क्षरण का शिकार हो रहे हैं। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक गोवा की 105 किमी लंबी तटरेखा(कोस्टलाइन) में से 24 फीसद हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। करीब 25 किमी लंबी तटरेखा की बर्बादी के लिए प्राकृतिक और मानवीय वजहें जिम्मेदार हैं।
जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक तटरेखा हिस्से मृदा क्षरण के तेजी से शिकार हो रहे हैं। बारदेज तालुका में स्थित सात किमी तटरेखा बुरी तरह से प्रभावित है। सालसीट में 5 किमी तटरेखा का अब नामोनिशां नहीं है। इसके अलावा कनाकोना और परनेम में चार किमी और तीन किमी तटरेखा का अब कोई वजूद नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि प्राकृतिक संकट से बीच को बचाने की कोशिश की जा रही है।लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद बीच को बचाने में परेशानी आ रही है।
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