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पाक को आतंकी देश घोषित करने का निजी विधेयक वापस

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए इस विधेयक को गैर-जरूरी बताया था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Updated: Fri, 10 Mar 2017 10:25 PM (IST)
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पाक को आतंकी देश घोषित करने का निजी विधेयक वापस
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने वाला गैर सरकारी विधेयक शुक्रवार को राज्य सभा से वापस ले लिया गया। इसे निर्दलीय सांसद राजीव चंद्रशेखर ने पेश किया था, मगर सदन में सर्व सम्मति से इसे वापस लेने पर सहमति बन गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए इस विधेयक को गैर-जरूरी बताया था। एक दिन पहले अमेरिकी संसद में भी ऐसा ही एक विधेयक पेश किया गया है, जिसमें पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने की व्यवस्था है।

शुक्रवार को सांसदों के निजी विधेयकों पर चर्चा के दौरान राजीव चंद्रशेखर ने अपने इस विधेयक पर बोलते हुए कहा कि, 'चूंकि पाकिस्तान की ओर से फैलाए जा रहे आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत ही है, इसलिए इसे दूसरे देशों की ओर से पहल किए जाने का इंतजार किए जाने की बजाय खुद पहल करनी चाहिए।' हालांकि उन्होंने सदन की राय को देखते हुए अपना निजी विधेयक वापस ले लिया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस बिल का मकसद था कि सदन में इस पर चर्चा हो सके।

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1994 के बाद से इस सदन में पाकिस्तान की आतंकवाद को ले कर पाकिस्तान की भूमिका पर बहुत कम चर्चा हुई है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पिछले साल सितंबर में दिए गए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भाषण का भी उदाहरण दिया, जिसमें उन्होंने आतंकवाद को ले कर पाकिस्तान की भूमिका की याद दिलाई थी।आम तौर पर संसद में विधेयक पेश करना सरकार का काम होता है, लेकिन यह मौका सभी सांसदों को भी दिया जाता है कि वे अपने निजी विधेयक संसद में पेश कर सकें। आम तौर पर ये विधेयक मंजूर नहीं किए जाते।

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चंद्रशेखर ने चार फरवरी को राज्य सभा में यह निजी विधेयक पेश किया था, जिसमें पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने की व्यवस्था करने का प्रस्ताव था। इसके समर्थन में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने खुल कर बोला। उन्होंने कहा कि ऐसा ही बिल अमेरिका में पेश किया जा चुका है। लेकिन हम इसको ले कर अब भी हिचकिचा रहे हैं।

इस विधेयक को ले कर गृह मंत्रालय ने एतराज किया था। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री गंगाराम अहीर ने कहा कि मौजूदा कानून के तहत भारत के पास आतंकी देशों के नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई का पर्याप्त प्रावधान है। कुछ अंतरराष्ट्रीय स्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारत इस बिल को मंजूर नहीं कर सकता। साथ ही भारत अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ कूटनीतिक रिश्ते रखता है।