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राज्यसभा में उठा सांसदों की सैलरी बढ़ाने का मुद्दा

राज्यसभा में उन्होंने सांसदों के वेतन-भत्ते बढ़ाने की योगी आदित्यनाथ समिति की रिपोर्ट को जल्द से जल्द लागू करने की सरकार से मांग की।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Wed, 20 Jul 2016 08:11 AM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। माननीय अपने वेतन बढ़ोतरी को लेकर बेसब्र हो रहे हैं। राज्यसभा में उन्होंने सांसदों के वेतन-भत्ते बढ़ाने की योगी आदित्यनाथ समिति की रिपोर्ट को जल्द से जल्द लागू करने की सरकार से मांग की। इस मुद्दे को सुबह सपा के नरेश अग्रवाल ने उठाया।

उन्होंने कहा कि सुनने में आया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समिति की रिपोर्ट पर विचार करने के लिए एक मंत्रिसमूह का गठन किया है। आखिर इसकी क्या जरूरत थी? पहले कहा गया था कि सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद समिति की रिपोर्ट लागू की जाएगी। सातवां वेतन आयोग लागू हो चुका है। लिहाजा सांसदों के वेतन पर भी अब निर्णय हो जाना चाहिए। उन्होंने सांसदों का वेतन कैबिनेट सचिव के वेतन से 1000 रुपये अधिक करने की मांग की। उनका कहना था कि संसद सदस्य कैबिनेट सचिव से ऊपर होते हैं। इसलिए उनका वेतन सरकार के सबसे बड़े अफसर से अधिक होना चाहिए।

'संसदीय समिति की रिपोर्ट पर मंत्रिसमूह बनाने का कोई तुक नहीं है।'कई अन्य सदस्यों ने अगरवाल की मांग का समर्थन किया। इस पर उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि मुझे नहीं मालूम कि सारे सदस्य इस (अपना वेतन खुद बढ़ाने की) मांग से सहमत हैं या नहीं। इस पर अनेक सदस्य उठकर खड़े हो गए और उन्होंने वेतन बढ़ोतरी के पक्ष में चिल्लाना शुरू कर दिया। आखिरकार कुरियन को कहना पड़ा कि इस पर निर्णय तो सरकार को ही लेना है।माकपा के सीताराम येचुरी ने उपसभापति से अनुरोध किया इसके लिए वह सदन में यथोचित बिल लाने का सरकार को निर्देश दें। अगरवाल ने फिर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 106 के अनुसार सांसद सरकार की दया पर निर्भर नहीं हैं। अब तो आरबीआइ गवर्नर भी कह चुके हैं कि महंगाई है। फिर सरकार को यह क्यों नजर नहीं आती?

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उधर संसद भवन में गुरु पूर्णिमा मनाई गई । शिक्षक रहे सांसदों का अभिवादन किया गया।