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मुंबई-गोवा ब्रिज हादसा: ई-टिकट सिस्‍टम में धांधली से यात्रियों के वास्‍तविक आंकड़े का पता नहीं

मुंबई-गोवा हाइवे पर पुल टूटने से दो बस समेत कई वाहन नदी में बह गये लेकिन इसमें डूबे यात्रियों की वास्‍तविक संख्‍या का पता टिकट सिस्‍टम में धांधली की वजह से पता नहीं चल पा रहा।

By Monika minalEdited By: Updated: Thu, 04 Aug 2016 09:54 AM (IST)
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महाड़ (मिड डे)। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में महाड़ के समीप करीब सात दशक पुराना ब्रिटिश कालीन पुल ध्वस्त हो गया। पुल ध्वस्त होने के समय वहां से गुजर रहे सभी वाहन उफनती हुई सावित्री नदी में बह गए। बचाव दल ने अब तक नदी से चार लाशें निकाल ली हैं। अब अधिकारी नदी में गिरे वाहनों व बहे यात्रियों की वास्तविक संख्या का पता लगाने में जुटे हैं। दोनों स्टेट ट्रांसपोर्ट बसों में इलेक्ट्रॉनिक टिकट जारी करने वाले मशीन के बावजूद सवार लोगों की मौजूदा संख्या का पता नहीं लगाया जा सका है।

पुल ध्वस्त होने के समय वहां से गुजर रही दो बसें और अन्य वाहन उफनती हुई सावित्री नदी में बह गए। यह हादसा मंगलवार रात मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ।

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मिड-डे से बात करते हुए एडिशनल सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस (कोंकण रेंज, संजय कुमार पाटिल ने कहा, चिपलुन एसटी डिपो से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, दोनों बसें- ड्राइवर, 58 वर्षीय शामराव कांबले और कंडक्टर, विलास देसाई (43) समेत जयगड-मुंबई जिसका नंबर- MH-20-BN-1538 में नौ यात्री थे यानि बस निकलते समय इसमें कुल 11 लोग सवार थे। राजापुर-बोरिवली, नंबर- MH-40-N-9739 में ड्राइवर गोरखनाथ मुंडे (46) और कंडक्टर प्रभाकर शिरके वाले बस में भी 9 यात्री थे। कुल मिलाकर दोनों बसों में 22 सवारियां थीं।

हालांकि, एमएसआरटीसी अधिकारियों ने दावा किया कि दोनों बस में केवल 17 लोग सवार थे, जिसमें से अधिकांश यात्रियों ने बस में सवार होने के बाद टिकट लिया था और उनमें से केवल 5 लोगों की ही सीटें आरक्षित थीं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा,’अब तक एमएसआरटीसी के पास सवार यात्रियों की वास्तविक संख्या का पता नहीं च ला है जबकि कंडक्टर के पास इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन थी।‘

महाराष्ट्र के राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव ने हादसे पर दुख प्रकट किया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने बुधवार को राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री चंद्रकांत पाटिल और विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के साथ इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया। महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को विपक्ष ने महाड़ त्रासदी की न्यायिक जांच कराने की मांग की। मुख्यमंत्री फड़नवीस ने बताया कि हादसे के बाद 18 यात्रियों और चालक दल के चार सदस्यों के साथ राज्य परिवहन निगम की दो बसें लापता हैं। उन्होंने कहा है, 'दो पुल समानांतर थे। एक पुल नया बना है, जबकि ध्वस्त हुआ पुल ब्रिटिश काल में बना था।' उन्होंने कहा कि सावित्री नदी के जलग्रहण क्षेत्र महाबलेश्वर में लगातार हो रही वर्षा के कारण पानी का दबाव बढ़ गया है। इसी दबाव के कारण पुल ध्वस्त हो गया। नए पुल का स्थायित्व सुनिश्चित होने तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही रोक दी गई है।

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राहत कार्यो में राज्य प्रशासन को सभी संभव सहायता मुहैया कराई जा रही है। हर टीम में 40 गोताखोर अभियान की निगरानी करने वाले एनडीआरएफ अधिकारी के मुताबिक, भेजी गई हर टीम में 40 गोताखोर हैं और तट रक्षक एवं अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव में जुट गई हैं। रेलमंत्री ने कोंकण रेलवे को निर्देश दिया कोंकण रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सिद्धेश्वर तेलुगू ने कहा कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु के निर्देश पर राहत टीम रवाना कर दी गई है। रेलमंत्री ने कोंकण रेलवे को आवश्यक सहायता मुहैया कराने का निर्देश दिया है।

जारी किए गए हेल्प लाइन
मुंबई सेंट्रल डिपो- 02-23074272, 23076622; महाड़ बस डिपो- 02145-222139, 222102; पोलडपुर बस डिपो- 02191-240036; चिपलुन बस डिपो- 02355-252003, 252167; रत्न,गिरी बस डिपो- 02145-222102, 222253; राजापुर बस डिपो- 02353-222029, 222218