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हिंसा के पीछे अनपढ़ मुस्लिमों की बढ़ती आबादी : गोगोई

असम में बढ़ती हिंसा के लिए बांग्लादेशी घुसपैठिये नहीं बल्कि मुसलमानों की बढ़ती आबादी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि असम में हिंदुओं की तुलना में मुसलमानों की संख्या ज्यादा है। मुसलमानों में शिक्षा का स्तर काफी कम है और इसको ही आबादी बढ़ने का मुख्य कारण माना जा रहा है। गोगोई के इस बयान ने राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है। गोगोई के इस बयान से काग्रेस की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। विपक्ष इसे बहस का मुद्दा बना सकता है।

By Edited By: Updated: Mon, 10 Sep 2012 02:55 PM (IST)
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नई दिल्ली। असम में बढ़ती हिंसा के लिए बांग्लादेशी घुसपैठिये नहीं बल्कि मुसलमानों की बढ़ती आबादी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि असम में हिंदुओं की तुलना में मुसलमानों की संख्या ज्यादा है। मुसलमानों में शिक्षा का स्तर काफी कम है और इसको ही आबादी बढ़ने का मुख्य कारण माना जा रहा है। गोगोई के इस बयान ने राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है। गोगोई के इस बयान से काग्रेस की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। विपक्ष इसे बहस का मुद्दा बना सकता है।

गोगोई ने कहा कि असम में बढ़ती जनसंख्या का कारण बाग्लादेश से अवैध रूप से यहा आकर बसना नहीं है। इसका कारण है कि मुसलमान पढ़े-लिखे नहीं हैं और ज्यादा बच्चें पैदा कर रहे हैं। गोगोई ने कहा कि यहा तक कि विभिन्न न्यायाधिकरणों में संदिग्ध अवैध प्रवास के करीब तीन लाख मामले लंबित हैं।

एक टॉक शो के दौरान गोगोई ने कहा कि असम में 2011 साल की जनगणना में घुसपैठियों में गिरावट आई है। लेकिन कोकराझार जिले में जनसंख्या में 19 प्रतिशत मुसलमान व पाच प्रतिशत हिंदू बढ़े हैं। डुबरी में 29 प्रतिशत मुसलमान व पाच प्रतिशत हिंदू बढ़े हैं, बांगलगांव में 31 प्रतिशत मुसलमान व 2 प्रतिशत हिंदू बढ़े है। इन आंकड़ों से यह साफ होता है कि मुसलमानों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। गोगोई ने साफ कहा कि यह सब बाहर से आकर यहां बसने के बाद ही होता है।

गोगोई ने कहा कि इस समुदाय में साक्षरता का स्तर काफी निम्न तर है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक परिवार में छह से 10 सदस्य हैं। यह निरक्षरता के कारण ही है। ज्यादातर मुसलमान अनपढ़ हैं इसलिए वह ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं। ऐसे में उन्हें नहीं पता कि सभी बच्चों का विकास कैसे होगा।

हालांकि उनके इस बयान ने राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है। गोगोई के इस बयान से काग्रेस की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। विपक्ष इसे बहस का मुद्दा बना सकती है।

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