मुस्लिम लॉ बोर्ड ने किया समान नागरिक संहिता का विरोध
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देश में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने का विरोध किया है। बोर्ड के दो दिवसीय अधिवेशन के पहले दिन शनिवार को जयपुर में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए मुस्लिम नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई।
By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Sun, 22 Mar 2015 06:59 AM (IST)
जयपुर, जागरण संवाददाता। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देश में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने का विरोध किया है। बोर्ड के दो दिवसीय अधिवेशन के पहले दिन शनिवार को जयपुर में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए मुस्लिम नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई।
बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी ने कहा कि यह अधिवेशन देश की विषम परिस्थितियों में शुरू हो रहा है, देश को एक विशेष दिशा की ओर ले जाया जा रहा है। जामिया हिदायत के कुलपति मौलाना फज्लुर्ररहीम ने कहा कि जब भी समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही जाती है तो कुछ लोग पर्सनल लॉ बोर्ड में संशोधन करने की बात करने लगते हैं। इस बाबत स्पष्ट करना चाहते हैं कि पर्सनल लॉ शरीअत का हिस्सा है और इसमें संशोधन का अधिकार किसी भी मनुष्य को नहीं है।मुस्लिम ही इस्लाम की छवि धूमिल कर रहे: मदनीबिजनौर, जागरण संवाददाता। जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव महमूद मदनी किरतपुर में मुस्लिमों पर जमकर भड़के। कहा कि मुस्लिम ही इस्लाम की छवि खराब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस्लाम आतंक का पर्याय बन रहा है तो इसके पीछे भी इस्लाम धर्म के कुछ अनुयायी ही हैं।
शनिवार को किरतपुर में एक जलसे में जमीयत के महासचिव ने कहा कि देश में भी मुस्लिम ही मुस्लिमों की छवि खराब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम अपने बच्चों को शिक्षित करने पर जोर दें। अगले बीस साल का मिशन बनाकर इनको शिक्षित करने में जुट जाएं। मुस्लिम यदि ऐसा कर पाएं और अपने निश्चय पर डटे रहें तो फिर वे लोग अपनी राय बदलने के लिए बाध्य होंगे, जो इस्लाम और मुस्लिमों के बारे में अपनी गलत राय रखते हैं। 'आप' ने मुस्लिमों का उपयोग किया: दिनेश शर्मा
भाजपा ने मुस्लिम विरोधी होने का सुबूत दिया: आजम