मुझे फांसी या उम्रकैद हो सकती है: आजम
यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खां ने कहा है कि उन्हे फांसी या उम्रकैद की सजा हो सकती है। मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट से सात नोटिस मिले हैं। उन्हें फांसी मंजूर है, लेकिन गलत को सही नहीं कह सकते।
रामपुर, जागरण संवाददाता। यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खां ने कहा है कि उन्हे फांसी या उम्रकैद की सजा हो सकती है। मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट से सात नोटिस मिले हैं। उन्हें फांसी मंजूर है, लेकिन गलत को सही नहीं कह सकते।
जौहर यूनिवर्सिटी में लैपटॉप वितरण समारोह में आजम ने कहा कि जुल्म करवाने वाली ताकतों ने अदालतों का सहारा लिया है, हम मुजफ्फरनगर गए नहीं, किसी को छुड़ाने की सिफारिश नहीं की। फिर भी हम पर तमाम आरोप लगाए गए। हमें सुप्रीम कोर्ट से नोटिस मिले हैं। वह इससे घबराने वाले नहीं हैं। इसका मुकाबला करेंगे, उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर इशारा करते हुए कहा कि इंसानियत के सौदागर और हत्यारे को देश नहीं दिया जा सकता। चाय बेचने की बात कह कर लोगों की हमदर्दी लेने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर प्रहार करते हुए कहा कि अब दिल्ली वाले भी झाड़ू ले आए हैं। बसपा प्रमुख मायावती पर निशाना साधते हुए बोले, हमने पत्थरों के हाथी नहीं बनवाए हैं।
जांच समिति ने आजम को आरोपित करने वाले स्टिंग के रॉ फुटेज को देखा
लखनऊ, जागरण ब्यूरो। विधानसभा की जांच समिति ने सोमवार को मुजफ्फरनगर दंगे में नगर विकास मंत्री आजम खां को आरोपित करने वाले स्टिंग आपरेशन के रॉ फुटेज को देखा। हालांकि चार से पांच घंटे अवधि के इस रॉ फुटेज के अवलोकन की कार्यवाही सोमवार को पूरी नहीं हो सकी। अगली बैठक के लिए समिति ने वैसे तो कोई तारीख तय नहीं की है, लेकिन माह के आखिरी सप्ताह में यह बैठक होने की संभावना है। रॉ फुटेज के अवलोकन में जुटी समिति को प्रथम दृष्टया आजम खां पर लगे आरोपों की पुष्टि नहीं हुई।
बताया जाता है कि रॉ फुटेज का जितना भी अंश सोमवार को देखा गया, उसके आधार पर प्रथम दृष्टया यही प्रतीत हुआ कि इसमें दिखाए गए किसी भी शख्स ने साफ तौर पर आजम खां का नाम नहीं लिया। मिली जानकारी के अनुसार समिति की बैठक में यह तय हुआ है कि एक बार रॉ फुटेज बारीकी से देखने के बाद स्टिंग आपरेशन में शामिल सभी लोगों को तलब किया जाएगा। जिन पुलिस अधिकारियों से हुई बातचीत को दिखाया गया है, उन्हें व आपरेशन को अंजाम देने वाले सभी को कमेटी के समक्ष आकर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा।
बैठक में शामिल एक सदस्य के अनुसार समिति इस बात को लेकर पूरी सावधानी बरत रही है कि इसकी कार्यवाही ऐसी हो कि नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का पूरी तरह अनुपालन हो। वैसे समिति ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि स्टिंग आपरेशन करने वाला न्यूज चैनल अब जांच में सहयोग कर रहा है।
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