नजीब के जरिये चेहरा बचा पाए केजरीवाल
उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ बनी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की केमेस्ट्री गतिरोध तोड़ने में अहम साबित हुई। केजरीवाल के निशाने पर रहे गृह मंत्रालय को इसकी जानकारी तक नहीं थी। गृह मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव ने कहा कि खुद गृह सचिव को न्यूज चैनल से गतिरोध टूटने का पता चला। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को इ
नीलू रंजन, नई दिल्ली। उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ बनी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की केमेस्ट्री गतिरोध तोड़ने में अहम साबित हुई। केजरीवाल के निशाने पर रहे गृह मंत्रालय को इसकी जानकारी तक नहीं थी। गृह मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव ने कहा कि खुद गृह सचिव को न्यूज चैनल से गतिरोध टूटने का पता चला। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को इसके बारे में आखिरी वक्त में जानकारी दी गई। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि आप के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव लगातार उपराज्यपाल से संपर्क में थे।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दो पुलिस अधिकारियों को छुंट्टी पर भेजकर केजरीवाल को चेहरा बचाने का रास्ता देने का फैसला नजीब जंग का था, जिसे कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने हरी झंडी दी थी। इससे गृह मंत्रालय का कोई लेना-देना नहीं था। उनके अनुसार, मुख्यमंत्री के धरने पर बैठने से उत्पन्न अराजक स्थिति के लिए केजरीवाल की चौतरफा आलोचना भी हो रही थी। बारिश व ठंड के बीच धरना स्थल पर समर्थकों की अपेक्षाकृत कम संख्या भी आम आदमी पार्टी के लिए चिंता का सबब बना हुआ था। मंत्रालय का मानना था कि अगले एक-दो दिनों में केजरीवाल खुद ही धरना खत्म करने के लिए मजबूर हो सकते हैं। लेकिन उपराज्यपाल की मदद से केजरीवाल चेहरा बचाने का रास्ता निकालने में सफल रहे।