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गंगा को निर्मल बनाने को चलेगा 'नमामि गंगे' मिशन

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी वादे को पूरा करते हुए सरकार गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए 'नमामि गंगे' मिशन शुरू करेगी। मोदी सरकार ने आम बजट 2014-15 में इसके लिए भारी भरकम राशि (2,037 करोड़ रुपये) का प्रावधान किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को मोदी सरकार का पहला आम बजट 2014-15 पेश करते हुए समन्वित गंगा संरक्षण मिशन 'नमामि गंगा' शुरू करने की घोषणा की।

By Edited By: Updated: Thu, 10 Jul 2014 07:47 PM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी वादे को पूरा करते हुए सरकार गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए 'नमामि गंगे' मिशन शुरू करेगी। मोदी सरकार ने आम बजट 2014-15 में इसके लिए भारी भरकम राशि (2,037 करोड़ रुपये) का प्रावधान किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को मोदी सरकार का पहला आम बजट 2014-15 पेश करते हुए समन्वित गंगा संरक्षण मिशन 'नमामि गंगा' शुरू करने की घोषणा की।

जेटली ने कहा कि गंगा के संरक्षण और सुधार पर अब तक काफी धनराशि खर्च हो चुकी है लेकिन वांछित परिणाम नहीं निकले हैं। इसलिए 'नमामि गंगा' मिशन शुरू किया जाएगा। मिशन के लिए आवंटित धनराशि में 1500 करोड़ रुपये राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा फंड से आएंगे, जबकि 537 करोड़ रुपये मौजूदा राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत खर्च किए जाएंगे।

जेटली ने गंगा को निर्मल बनाने के लिए जरूरी धनराशि जुटाने के लिए एनआरआइ गंगा फंड बनाने का एलान भी किया। जेटली ने कहा कि अनिवासी भारतीयों ने देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति के संरक्षण के लिए अहम योगदान किया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए गंगा के लिए एनआरआइ फंड शुरू किया जाएगा। इस फंड में एकत्रित होने वाली धनराशि से गंगा को निर्मल बनाने की विशेष परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।

उल्लेखनीय है कि मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था- न मुझे किसी ने भेजा है, न मैं आया हूं, मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है। 16 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद वाराणसी में गंगा आरती के दौरान भी मोदी ने गंगा की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई थी। मोदी ने कहा था कि गंगा को निर्मल बनाने का काम उनके हाथों से ही होगा।

गंगा के संबंध में किए गए अपने वादे को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए मोदी सरकार गंगा के लिए अलग मंत्रालय का गठन पहले ही कर चुकी है। गंगा को अविरल और निर्मल बनाने की व्यापक योजना बनाने के लिए सरकार गंगा मंथन कार्यक्रम भी आयोजित कर चुकी है।