नई दिल्ली, [राजकिशोर/आशुतोष झा]। जिस शान से नरेंद्र मोदी चुनाव जीतकर आए। उसी अंदाज में देश के प्रधानमंत्री पद पर सोमवार को उनका राजतिलक भी हुआ। भाजपा की अगुआई में तीसरी बार बनी सरकार में पहली पीढ़ी गायब है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समकक्ष रहे लालकृष्ण आडवाणी और डॉ. मुरली मनोहर जोशी इस सरकार में नहीं हैं। मोदी सरकार की कमान भाजपा की दूसरी पीढ़ी के हाथ है। अटल-आडवाणी की जोड़ी की तरह पूरे चुनाव प्रचार में उभरी मोदी-राजनाथ की जुगलबंदी सरकार में भी उभरी है। मोदी सरकार में नंबर-दो की हैसियत में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह होंगे और देश के गृह मंत्री भी। दूसरी पीढ़ी के अन्य प्रमुख नेताओं में सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के अलावा वेंकैया नायडू व नितिन गडकरी मोदी की कैबिनेट के प्रमुख चेहरे होंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सहित सात पड़ोसी देशों के प्रमुख या प्रतिनिधियों के बीच मोदी ने पूरी धूमधाम के साथ शपथ तो ली, लेकिन अपने मंत्रिमंडल के चेहरों से बहुत नहीं चौंकाया। उनकी सरकार का मंत्रिमंडल छोटा है, लेकिन गैर-राजनीतिक कतई नहीं। तमाम राजनीतिक पंडित मोदी के ऐसे ही मंत्रिमंडल की अपेक्षा कर रहे थे। जाति-संप्रदाय समीकरण को ध्यान में रखते हुए आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक सभी को प्रतिनिधित्व मिला। कांग्रेस से भाजपा में आए दो नेताओं को भी मोदी ने अपनी टीम में जगह देकर सामंजस्य का संकेत दिया। चुनावी राज्यों के लिए बिसात बिछाते हुए उन्होंने कुल 45 मंत्रियों को शपथ दिलाई। सरकार 83 मंत्री बना सकती है, लेकिन 'कम सरकार और ज्यादा काम' के नारे पर सत्ता में आए मोदी ने अपनी कार्यशैली से समझौता नहीं किया। न सिर्फ भाजपा, बल्कि सहयोगी दलों के वंशवाद को भी फलने-फूलने के लिए उन्होंने अपनी सरकार की जमीन मुहैया नहीं कराई। किसी भी नेता के बेटे या बेटी को मोदी ने अपने कैबिनेट में जगह नहीं दी है। उनकी सरकार में 23 कैबिनेट, 10 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 12 राज्यमंत्री हैं। इनमें सात महिलाएं हैं, जिनमें सबसे उल्लेखनीय नाम टीवी स्टार और अमेठी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती देने वाली स्मृति ईरानी का है, जिन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है।
बहरहाल, मोदी ने यह सुनिश्चित कर लिया कि उनके चयन से चुनाव में जाने वाले राज्यों और खुलकर भाजपा के लिए वोटों की बरसात करने वाले राज्यों को निराशा न हो। हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा, हरियाणा जैसे छोटे राज्य से भी दो मंत्री बनाए गए, जबकि महाराष्ट्र से छह। उत्तर प्रदेश में देश की 20 फीसद आबादी रहती है, तो मोदी की टीम में 20 फीसद हिस्सा यूपी को ही मिला। यहां से नौ मंत्री बनाए गए। बिहार से भी पांच मंत्री बनाए गए, जिनमें दो सहयोगी दलों के हिस्से में गए। मध्य प्रदेश और राजस्थान को बहुत बड़ा हिस्सा नहीं मिला। गुजरात से राज्यसभा में आने वाले अरुण जेटली और स्मृति ईरानी को छोड़ दिया जाए, तो मोदी के गृह राज्य को भी एक मंत्री ही मिला। सोमवार को अरसे बाद शपथग्रहण समारोह का रूप और स्वरूप दोनों बदला हुआ था। दरबार हॉल के बजाय राष्ट्रपति भवन प्रांगण में तीन हजार से ज्यादा देशी-विदेशी मेहमानों की मौजूदगी में खास थी सार्क देशों के प्रमुखों की मौजूदगी। भारत के किसी भी प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में यह पहली बार था। दूसरी खास बात थी मोदी की टीम का चयन। दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के जितने सांसद चुनकर लोकसभा में आए है, मोदी की टीम में उससे एक सदस्य ज्यादा है। मोदी ने संगठन को भी संकेत दे दिया। उन्होंने बता दिया कि उनकी टीम में ऐसे युवाओं की भागीदारी रहेगी, जो लंबे समय तक बिना थके उनके एजेंडे को पार लगा सकें। लिहाजा, 75 प्लस की आयु वाले नेताओं को छोड़ दिया गया। कुछ ऐसे चेहरे शामिल किए गए जो चर्चित तो नहीं हैं, लेकिन जमीनी नेता माने जाते हैं।
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार):- धर्मेद्र प्रधान, डॉ जितेंद्र सिंह, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, प्रकाश जावड़ेकर, राव इंद्रजीत सिंह, संतोष कुमार गंगवार, सर्बनंदा सोनोवाल, श्रीपाद नाइक, जनरल वीके सिंह।
राज्य मंत्री:- जीएम सिद्देश्वरा, कीरेन रिजीजू, कृष्ण पाल गुज्जर, मनोज सिन्हा, मनसुखभाई धांजीभाई वासवा, पोन राधाकृष्णन, रावसाहेब दादाराव पाटिल दान्वे, संजीव बालियान, सुदर्शन भगत, उपेंद्र कुशवाहा, विष्णु देव सहाय, निहाल चंद।
कई गणमान्य व्यक्तियों ने लिया समारोह में हिस्सा:- समरोह में शामिल होने के लिए कई नेता राष्ट्रपति भवन पहुंचे। जिनमें उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ समेत भूटान, श्रीलंका, नेपाल और मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष भी प्रमुख रहे। इनके अलावा समारोह में मुलायम सिंह यादव, शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, स्मृति इरानी, अनंत कुमार, अमित शाह, सुषमा स्वराज, कलराज मिश्र भी पहुंचे। मुकेश अंबानी सपरिवार समारोह में उपस्थित हुए। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी परिवार समेत शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे। इसके अलावा बॉलीवुड के कई सितारे भी इस समारोह के गवाह बने।
पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति भी हुए शामिल:- इस समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह, आईके गुलजार, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी पहुंचे।
शपथ से पहले नमो ने दी बापू को श्रद्धांजलि नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले सोमवार सुबह राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निवास पर पहुंचकर उनसे आशीर्वाद लिया। सुबह 7.55 बजे मोदी राजघाट पहुंचे। इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर, दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. हर्षवर्धन, राज्यसभा सदस्य विजय गोयल और नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी समेत अनेक पार्टी नेता मौजूद रहे।
अटल से लिया आशीर्वाद:- राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के बाद मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से आशीर्वाद लेने उनके निवास गए। वहां कुछ समय ठहरने के बाद मोदी गुजरात भवन लौट गए।
बिहार के चार मंत्री पटना, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में बिहार में जन्म लेने वाले चार नेताओं को जगह मिली है। रविशंकर प्रसाद: ठाकुर प्रसाद व बिमला प्रसाद के पुत्र रविशंकर प्रसाद को पटना हाई कोर्ट में चारा घोटाला मामले का केस लड़ने पर जबरदस्त शोहरत मिली। एक सितंबर 2001 से 29 जनवरी 2003 तक कोयला व खान राज्य मंत्री रहे, कानून मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार। 29 जनवरी 2003 से मई 2004 तक राज्य मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) रहे। राधामोहन सिंह: वैद्यनाथ सिंह व जयसुंदरी देवी के पुत्र राधामोहन सिंह का जन्म एक सितंबर 1949 को पूर्वी चंपारण, बिहार में हुआ। 1989-91 लोकसभा सदस्य बने। 1990-93 बिहार भाजपा के महासचिव। उपेंद्र कुशवाहा: वैशाली जिले के छोटे से गांव जवाज में जन्में मुनेश्वर सिंह व मुनेश्वरी देवी के पुत्र उपेंद्र कुशवाहा 1994 से 2002 तक समता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे। इस बार वे भाजपा के साथ आए थे। रामविलास पासवान: खगड़िया जिले के गांव शहरबन्नी में जामुन पासवान व सिया देवी के घर 1946 में जन्में रामविलास पासवान 23 साल की उम्र में 1969 में पहली बार विधायक बने। 1989 से 1991 केंद्रीय श्रम व कल्याण मंत्री। 1996 में रेल मंत्री। एक जून 1996 को संसदीय कार्य मंत्री। 1999 में संचार मंत्री, 2001 कोयला व खनन मंत्री, 2004 से 2009 तक रसायन व उर्वरक और इस्पात मंत्री।
क्यों मिला पुरस्कार.. राजनाथ सिंह: बतौर अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी का पूरा साथ निभाया। संघ के निर्देशों का अनुपालन करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। लालकृष्ण आडवाणी सरीखे नेताओं की नाराजगी के बावजूद राजनाथ ने मोदी को पहले चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष घोषित किया और फिर अंदरूनी मतभेदों के बावजूद प्रधानमंत्री उम्मीदवार। सुषमा स्वराज: व्यक्तिगत समीकरण की बात हो तो सुषमा के साथ मोदी के संबंध बहुत मधुर नहीं कहे जा सकते हैं, लेकिन उनकी योग्यता संदेह से परे है। अरुण जेटली: मोदी के नजदीकी। योग्य प्रशासक। विषय के जानकार। मोदी के रणनीतिकारों में शामिल। नितिन गडकरी: संघ के चहेते। महाराष्ट्र में बतौर मंत्री साबित कर चुके हैं योग्यता। रविशंकर प्रसाद: पार्टी का बड़ा चेहरा। कुशल वक्ता व प्रशासक। स्मृति ईरानी: मोदी के प्रति निष्ठा। अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ बहुत अच्छा प्रदर्शन। हर्षवर्द्धन: साफ छवि, बतौर स्वास्थ्य मंत्री पोलियो उन्मूलन में अहम भूमिका। निर्मला सीतारमण: विषय की अच्छी समझ, कुशल वक्ता, मोदी के प्रति निष्ठा। नजमा हेप्तुल्ला: अल्पसंख्यक महिला चेहरा। राधामोहन सिंह: साफ और जमीनी नेता की छवि। संगठन का कुशल अनुभव। लगातार जीत। कलराज मिश्र: लंबा अनुभव, उप्र में ब्राह्मण चेहरा। साफ छवि। जुएल ओरांव: आदिवासी चेहरा। साफ छवि। गोपीनाथ मुंडे: महाराष्ट्र में बड़ा चेहरा। चुनावी लिहाज से संयोजन।
किसने क्या कहा.. ''सामरिक साझेदारी को मजबूत बनाने के लिए अमेरिका भारत के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करने को तैयार है। हम एक साथ काम करने को प्रतिबद्ध हैं।''
-बराक ओबामा, अमेरिकी राष्ट्रपति------------ ''प्रधानमंत्री के तौर शपथ लेने पर नरेंद्र मोदी को बधाई। उम्मीद करता हूं दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी। चीन और भारत पड़ोसी देश होने के साथ विश्व की उभरती दो शक्तियां भी हैं।''
-ली कछ्यांग, चीन के प्रधानमंत्री -------- ''भारत जर्मनी का सामरिक भागीदार है। उनका देश भारत के नए प्रधानमंत्री मोदी को पूर्ण सहयोग और समर्थन का आश्वासन देता है।''
-माइकल स्टेनर, भारत में जर्मनी के राजदूत------ ''मोदी के नेतृत्व में केंद्र नई सरकार को बधाई। सरकार से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज मिले।''
-नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार --------- ''टीम मोदी को हार्दिक बधाई। आशा करता हूं कि मोदी अपने उत्तराधिकारियोंको समय आने पर एक बेहतर भारत सौंपेंगे।''
-उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री, जम्मू एवं कश्मीर-------- ''मोदी हिमाचल प्रदेश के भौगोलिक संरचना और जनता की समस्याओं से वाकिफ हैं। केंद्र की नई सरकार से प्रदेश और लोगों को काफी उम्मीदें हैं।''
-वीरभद्र सिंह, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश------- ''केंद्र कर के रूप में राज्यों से पैसा लेता है। नई सरकार आ रही है। देखते हैं क्या होता है।''
-ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल------- ''मैं उम्मीद करती हूं कि मोदी के नेतृत्व में देश एक मजबूत राष्ट्र और सुपर शक्ति के रूप में उभरेगा। एक समृद्ध भारत का सपना उनके नेतृत्व में पूरा होगा।''
-वसुंधरा राजे सिंधिया, मुख्यमंत्री, राजस्थान---------- ''देश और प्रदेश के हित को ध्यान में रखते हुए उनकी सरकार केंद्र के साथ मिलकर काम करेगी।''
-हरीश रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड------- ''केंद्र की नई सरकार को बधाई। आशा है कि मोदी के नेतृत्व में देश विकास की राह पर आगे बढ़ेगा।''
-नवीन पटनायक, मुख्यमंत्री, ओडिशा पढ़ें: तस्वीरों में देखें मोदी की कैबिनेट पार्ट वन मोदी की कैबिनेट पार्ट टू देखें तस्वीरें : राष्ट्रपिता को मोदी ने दी श्रद्धांजलि पढ़ें: मोदी के शपथग्रहण समारोह में पहुंचने लगे विशिष्ट अतिथिगण बहुत ही शुभ योग में होगा नमो का राज्याभिषेक देखें : मोदी ने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि