नरेन्द्र मोदी के प्रभाव का अंदाजा अब इस बात से लगाया जा सकता है, कि लोग उनकी स्टाइल में हाफ भगवा कुर्ता धारण कर रहे हैं। उनके नाम की 'भस्म' शरीर पर लेप कर नमो के विजयघोष वाली टोपी एवं परिधान पहनते हैं। उनकी अधपकी दाढ़ी में विकासवादी समाजवाद एवं जोशीली जुबान में कठोर अनुशासन, दृढ़ इच्छाशक्ति एवं राष्ट
By Edited By: Updated: Mon, 03 Feb 2014 08:52 AM (IST)
[संतोष शुक्ल],मेरठ। नरेन्द्र मोदी के प्रभाव का अंदाजा अब इस बात से लगाया जा सकता है, कि लोग उनकी स्टाइल में हाफ भगवा कुर्ता धारण कर रहे हैं। उनके नाम की 'भस्म' शरीर पर लेप कर नमो के विजयघोष वाली टोपी एवं परिधान पहनते हैं। उनकी अधपकी दाढ़ी में विकासवादी समाजवाद एवं जोशीली जुबान में कठोर अनुशासन, दृढ़ इच्छाशक्ति एवं राष्ट्रीय वैभव खोजते हैं। मोदी की तर्ज पर गुजरात एवं देश के अन्य हिस्सों में विकास का आंकड़ा जुबानी याद रखते हैं। सुदूर मैदान तक लहराती केसरिया सरगम में 'हर हर मोदी-घर घर मोदी' की नाद सियासत में किसी बड़े ध्वजवाहक के दस्तक का संकेत देती है।
प्रदेश के छह भूभागों में शंखनाद के बाद अब बारी पश्चिमांचल की थी। सियासत में चक्रव्यूह का सातवां द्वार माना जा रहा था, जिस पर नरेन्द्र मोदी चिरपरिचत अंदाज में प्रहार करने में सफल रहे। गोरखपुर से मेरठ के बीच लंबा फासला के साथ-साथ भौगोलिक परिवेश का भी भारी भरकम अंतर मोदी के नाम पर पूरी तरह पटता नजर आया। कांग्रेसमुक्त भारत का नारा लेकर देशभर में भगवा रथ हांकने निकले नरेन्द्र मोदी को सुनने के लिए भारी जनसैलाब उमड़ा। सुबह से उमड़ पड़ा जनमानस दोपहर तक केसरिया रंग में पूरी तरह समाता नजर आने लगा। हर हर मोदी, घर घर मोदी की गूंज' के बीच वक्ताओं ने भाजपा के नए नायक को खैरमकदम किया। अंदरूनी घमासान में सूखता कमल महज मोदी की उपस्थिति से खिलता नजर आया।
शंखनाद रैली के लिए दो मंच लगाए गए थे। मुख्य मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, कलराज मिश्र, हुकुम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी, कलराज मिश्र, विनय कटियार, लालजी टंडन, स्वतंत्र देव, रमापति राम त्रिपाठी, सतपाल मलिक, पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह, सांसद राजेन्द्र अग्रवाल एवं सभी विधायकों को स्थान मिला, दूसरे मंच पर स्थानीय नेताओं एवं पदाधिकारियों का भारी जमावड़ा रहा। करीब 12 बजे मंच पर प्रदेश प्रभारी अमित शाह ने प्रवेश किया, तो केसरिया सैलाब ने अंगड़ाई ली। मोदी से पहले उनके हनुमान अमित शाह के पहुंचने पर दर्शकों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। थोड़ी देर बाद मंच पर पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह भी पहुंच गए। क्षेत्रीय अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह ने संचालन का जिम्मा संभाला। तमाम दिग्गजों ने भगवा सैलाब का नेचर समझते हुए मंच से नमो का जाप करते हुए लोकसभा चुनावों में भारी जीत दिलाने की अपील की। दोपहर करीब ढाई बजे मंच संभालने के बाद मोदी ने अपने अंदाज में दर्शकों का दिल जीता। जब चाहा, दर्शकों से तालियां बटोरीं, जब चाहा उन्हें खामोश किया। कई बार उन्हें अपने साथ ले लिया, तो कई बार पंजे से मुक्ति की छटपटाहट भी बढ़ाई। करीब पचास मिनट तक मोदी के साथ बने रहे दर्शक उनकी हर बात का निहितार्थ खंगालते हुए घर लौटे।
रैलीस्थल पर मोदी के आने के बाद तक भीड़ बदस्तूर आती रही। शताब्दीनगर में शहीद मातादीन मैदान में बने रैली स्थल पर जैन सैलाब इस कदर उमड़ा कि मैदान छोटा पड़ गया। कई तो ऐसे रहे जो भीड़ की अधिकता को देखते हुए लौट गए। हालांकि इस दौरान जन सैलाब अनुशासित दिखा। नरेंद्र मोदी की रैली में गांव-देहात, कस्बों के साथ ही शहरों से लोग उमड़े। मोदी के आने के बाद तक मैदान में लोगों का आना जारी रहा। राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने माइक संभाला और भाषण शुरू किया तो बड़ी संख्या में लोग लौटने लगे। उल्देपुर के श्याम सिंह, शाहजहांपुर के नवीन कुमार, अमरोहा के दीपक वर्मा आदि ने बताया कि मैदान में लोग अधिक हैं, बैठना तो दूर खड़े होने की जगह नहीं मिल रही। वहीं जब रैली खत्म हुई तो समूचा जनसैलाब वापसी के लिए सड़कों पर आ गया। बस, ट्रैक्टर, कार व दुपहिया वाहनों से लोग निकले। शताब्दी नगर, गगोल रोड के साथ ही दिल्ली रोड पर भगवा सैलाब दूर तक दिखा। इतनी भीड़ होने के बावजूद सड़कों पर अराजकता नहीं दिखी। युवाओं ने जोशपूर्ण नारेबाजी तो की, लेकिन अव्यवस्था नहीं फैलाई। रैली स्थल के पास चाट, मूंगफली, जूस आदि के ठेले और अस्थायी दुकानें बनी थीं। कहीं भी छीनाझपटी या मुफ्तखोरी की घटना प्रकाश में नहीं आई।
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